
वाराणसी (काशीवार्ता)। विजया दशमी पर बरेका में होने वाले रावण दहन की तैयारियाँ जोरों पर हैं। केंद्रीय खेल मैदान पर इस बार रावण का पुतला 70 फीट ऊँचा बनाया जा रहा है। वहीं उसके भाइयों में कुम्भकर्ण का पुतला 65 फीट और मेघनाद का 60 फीट ऊँचा होगा। इन विशाल पुतलों के निर्माण का कार्य दशकों से इस परंपरा को निभा रहे मंडुवाडीह निवासी शमशाद और उनका पूरा परिवार कर रहा है।
समिति के रूपक निदेशक एस.डी. सिंह ने बताया कि पुतलों के निर्माण में इस बार भी खास तैयारी की जा रही है। शमशाद ने जानकारी दी कि तीनों पुतलों को तैयार करने में लगभग 200 किलो मैदा, 150 पीस बांस, 200 किलो कागज, डेढ़ कुंतल तांत, 150 पीस साड़ी, 50 किलो पेंट और एक किलो तूतिया का उपयोग होगा। इसके अलावा, पुतलों के अंदर पटाखों का विशेष इंतजाम किया जाएगा ताकि दहन के समय दृश्य और भी आकर्षक बन सके। बताया गया कि प्रत्येक पुतले में लगभग 200 पीस पटाखे लगाए जाएंगे।
इन पुतलों को तैयार करने में कुल 10 कारीगर लगातार मेहनत कर रहे हैं और लगभग दो माह का समय लगता है। उनका कहना है कि हर साल दशहरा नजदीक आते ही यह काम एक उत्सव की तरह शुरू हो जाता है। परिवार के सभी सदस्य इसमें योगदान देते हैं और बांस से लेकर कागज चिपकाने और रंगाई-पुताई तक का काम मिलकर करते हैं।
विजया दशमी के दिन बरेका का केंद्रीय खेल मैदान हजारों दर्शकों से गुलजार रहता है। विशाल पुतलों का दहन लोगों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है। रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के धधकते पुतले बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक बनकर पूरे वातावरण को उत्साह और उमंग से भर देते हैं।