दुष्कर्म पीड़िता निकली हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव !

आरोपी 23 युवकों पर हेपेटाइटिस-बी का खतरा

पीएम मोदी ने वाराणसी दौरे के दौरान अफसरों से ली थी पूरे मामले की जानकारी

वाराणसी (काशीवार्ता)। धर्म, संस्कृति और आध्यात्म की नगरी काशी में विगत दिनों एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया जो अब एक गंभीर मोड़ ले चुका है। सात दिनों तक लगातार 23 युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई युवती के खून की जांच में हेपेटाइटिस-बी संक्रमण की पुष्टि हुई है। यह खुलासा न केवल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए झकझोर देने वाला रहा, बल्कि अब उन 23 आरोपियों के स्वास्थ्य को लेकर भी बड़ा खतरा मंडराने लगा है।

नशा, दरिंदगी और बेखौफ हैवानियत

पीड़िता के अनुसार उसे लगातार सात दिनों तक शहर के अलग-अलग हिस्सों में कभी होटल, कभी कैफे, तो कभी किसी के घर ले जाकर नशीली चीज़ें दी जाती रहीं और फिर उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया। मानसिक और शारीरिक रूप से टूटी हुई युवती किसी तरह भाग निकली और पुलिस के पास पहुंची।

युवती के रक्त की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में कराई गई रक्त जांच रिपोर्ट ने डॉक्टरों और पुलिस अधिकारियों के होश उड़ा दिए। रिपोर्ट में युवती हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव पाई गई, जो संक्रामक बीमारी है। इसके बाद तत्काल सभी आरोपियों की पहचान कर उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अफसरों को दिए थे सख्त निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो हाल ही में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दौरे पर थे, ने इस सनसनीखेज घटना को गंभीरता से लिया। उन्होंने मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त से पूरी जानकारी लेकर निर्देश दिए कि “किसी भी आरोपी को बख्शा न जाए और पीड़िता को हरसंभव सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधा और न्याय मिलना चाहिए।” इसके बाद पुलिस हरकत में आई और केस की तफ्तीश तेज कर दी गई।

कानून तोड़ा, अब संक्रमण की मार

यह मामला महिला सुरक्षा और सामाजिक नैतिकता पर गहरे सवाल खड़ा करता है। लेकिन साथ ही यह भी दर्शाता है कि कानून तोड़ने वाले कभी न कभी अपने कर्मों की सजा अवश्य पाते हैं, कभी अदालत से, तो कभी कुदरत से।

पुलिस व स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर

वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस गिरफ्तार सभी आरोपियों के रक्त की जांच सुनिश्चित कर रही है, वहीं स्वास्थ्य विभाग संभावित संक्रमण की रोकथाम के लिए सतर्क है। पीड़िता को कड़ी सुरक्षा के बीच इलाज व कानूनी सहायता मुहैया कराए जाने के लिए प्रशासन कटिबद्ध है। वहीं सूत्रों की मानें तो उक्त युवती को कड़ी सुरक्षा के बीच पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। रक्त में हेपेटाइटिस-बी की पुष्टि होने पर मेडिकल इमरजेंसी को देखते हुए अब हायर सेंटर भेजे जाने की कवायद स्वास्थ्य विभाग व पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही है।

रेप व रक्त में ड्रग्स की पुष्टि होना सम्भव नहीं !

अस्पताल सूत्रों की मानें तो युवती अपने घर पहुंचने के तीसरे दिन शिकायत लेकर अपनी मां के साथ पुलिस के पास पहुंची थी। जिससे यह स्पष्ट हो पाना सम्भव नहीं है कि उक्त युवकों ने उसके साथ रेप किया। वहीं रक्त का नमूना जांच हेतु घटना के 5 दिन बाद लिए जाने से रक्त में ड्रग्स की मात्रा की भी पुष्टि होना संभव नहीं है। काशीवार्ता प्रतिनिधि ने जब इस संबंध में एक चिकित्सक से बात की तो उनका कहना था कि किसी के साथ बलात्कार किये जाने की पुष्टि घटना के 24 घंटे के अंदर ही हो सकती है। 24 घंटे बाद पुष्टि किया जाना संभव नहीं है। चिकित्सक ने बताया कि हेपेटाइटिस-बी एक गंभीर बीमारी है, जो खून और शरीर के अन्य तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। जिसमें वीर्य, योनि स्राव व संक्रमित व्यक्तियों के स्तन का दूध शामिल है। यह सीधे लिवर पर हमला करता है। इससे गंभीर बीमारी हो सकती है, लिवर खराब हो सकता है और कुछ मामलों में मौत भी हो सकती है।

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