राम नाथ स्वामी मंदिर: ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करता प्रयास – सीएम योगी

अयोध्या, 5 सितंबर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को अयोध्या में राम नाथ स्वामी मंदिर में आयोजित महाकुंभाभिषेक और प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित इस मंदिर में नव स्थापित महादेव के शिवलिंग का पूजन-अर्चन करते हुए उन्होंने मंदिर की स्थापना को ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को समृद्ध करने वाला कदम बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या और तमिलनाडु का विशेष संबंध हजारों वर्षों पुराना है। उन्होंने भगवान श्रीराम द्वारा श्रीलंका जाने से पहले तमिलनाडु के रामेश्वरम में भगवान शिव की पूजा का उल्लेख किया, जो उत्तर और दक्षिण भारत की आध्यात्मिक एकता को दर्शाता है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मंदिर भारत की एकात्मता और सांस्कृतिक धरोहर को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।

काशी तमिल संगमम् का उदाहरण
योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में आयोजित काशी तमिल संगमम् का उदाहरण देते हुए कहा कि इस आयोजन ने उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि अय्या जी के प्रयासों से अयोध्या भी तमिलनाडु से जुड़ गया है। योगी ने कहा कि जहां आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद देश को एकजुट करने का कार्य कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में, राम नाथ स्वामी मंदिर की स्थापना ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अयोध्या: दुनिया की सबसे आध्यात्मिक नगरी
सीएम योगी ने यह भी कहा कि अयोध्या धाम जल्द ही दुनिया की सबसे आध्यात्मिक और सुंदरतम नगरी के रूप में स्थापित होगी। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है और जल्द ही यह संपूर्ण होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद लाखों श्रद्धालु अयोध्या में आकर आशीर्वाद प्राप्त कर चुके हैं। योगी आदित्यनाथ ने विश्वास जताया कि अयोध्या धाम भविष्य में सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।

कार्यक्रम में सीएम योगी और आरएसएस के पूर्व सर कार्यवाहक सुरेश भैयाजी जोशी ने राम नाथ स्वामी मंदिर की स्थापना को उत्तर और दक्षिण भारत के बीच आध्यात्मिक सेतु बताया। इस अवसर पर तमिलनाडु से आए संत, स्थानीय जनप्रतिनिधि, और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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