बनारस स्टेशन के पार्किंग ठेकेदार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना, रेलवे ने की त्वरित कार्रवाई

वाराणसी। बनारस (मंडुआडीह) रेलवे स्टेशन पर पिक एंड ड्रॉप सुविधा के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत सामने आने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए रेलवे ने पार्किंग ठेकेदार पर दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और 24 घंटे के भीतर त्रुटि सुधार का निर्देश दिया है।

मामला तब उजागर हुआ जब अनुराग नामक यात्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पीएमओ, रेल मंत्रालय और रेल मंत्री को टैग करते हुए ठेकेदार की शिकायत की। उन्होंने बताया कि उन्हें स्टेशन के अंदर वाहन ले जाकर बुजुर्ग यात्रियों को छोड़ने पर शुल्क देना पड़ा, जबकि दी गई पर्ची में शुल्क का कोई उल्लेख नहीं था। अनुराग ने पर्ची की तस्वीर साझा करते हुए सवाल उठाया कि “क्या प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में बुजुर्ग यात्रियों को छोड़ने पर भी टैक्स देना होगा?”

रेल प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्टेशन के नंबर आठ साइड में लगे बोर्डों पर साफ लिखा है कि “पिक एंड ड्रॉप एरिया में कोई शुल्क देय नहीं होगा।” हालांकि, वाहन पार्क करने की स्थिति में निर्धारित शुल्क लागू है। इसके बावजूद ठेकेदार द्वारा अवैध वसूली की शिकायत से रेलवे की साख पर फिर सवाल उठे हैं, खासकर तब जब कुछ महीने पहले भी इसी तरह का मामला वायरल हुआ था।

सतर्कता दिखाते हुए सीनियर डीसीएम/बीएसबी/एनईआर ने तत्काल जांच करवाई। प्रारंभिक जांच में शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद पार्किंग ठेकेदार पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। ठेकेदार ने जुर्माना जमा कर दिया है और दोबारा ऐसी गलती न करने की चेतावनी दी गई है। रेलवे प्रशासन ने कहा कि यात्रियों की शिकायतों पर त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई जारी रहेगी।

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