सूर्यसरोवर में गंगा जल से शुद्धीकरण और सूर्य भगवान की मूर्ति स्थापना

वाराणसी(काशीवार्ता): वाराणसी के बनारस रेल कारखाना (बरेका) में स्थित सूर्यसरोवर कुंड का बुधवार शाम गंगा जल के साथ मंत्रोच्चारण करते हुए शुद्धीकरण किया गया। सूर्यसरोवर के दक्षिणी छोर पर सूर्य भगवान की मूर्ति की स्थापना की गई, जिससे क्षेत्र में छठ पूजा की तैयारियों का शुभारंभ हो गया है। स्थानीय लोगों और बरेका के कर्मचारियों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया और श्रद्धालुओं ने गंगा जल से सरोवर का शुद्धीकरण करते हुए आगामी छठ पर्व के लिए मंगल कामनाएं कीं।

बरेका में छठ पूजा के आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। छठ समिति के अध्यक्ष चंद्रेश्वर ओझा और कोषाध्यक्ष गणेश प्रसाद ने बताया कि छठ पूजा की सभी आवश्यक तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और सुरक्षा से लेकर अन्य सुविधाओं का प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया कि समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं, ताकि पूजा का आयोजन सुरक्षित और सुगम हो सके।

पूजा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए गए हैं। बरेका चौकी प्रभारी सत्यम तिवारी ने बताया कि सरोवर के चारों ओर पुलिस कर्मी तैनात रहेंगे, जो सादे वेश में रहकर सुरक्षा का ध्यान रखेंगे। विशेष रूप से छठ पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने और यातायात प्रबंधन के लिए पुलिस की तैनाती की गई है। साथ ही वाहनों की पार्किंग के लिए तीन स्थान चिन्हित किए गए हैं, जिनमें इंटर कॉलेज मैदान, बरेका चौकी के सामने की कालोनी और बाल स्कूल के पास के क्षेत्र शामिल हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ये स्थान पर्याप्त पार्किंग सुविधा प्रदान करेंगे, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

निकेतन सरोवर के पास किसी भी वाहन का प्रवेश वर्जित रहेगा, ताकि श्रद्धालुओं को पूजा स्थल तक पहुंचने में किसी प्रकार की रुकावट का सामना न करना पड़े। बरेका प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष मार्ग बनाए हैं और व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।

सूर्यसरोवर में गंगा जल से शुद्धीकरण और सूर्य भगवान की मूर्ति की स्थापना के साथ इस आयोजन ने क्षेत्र के लोगों में उत्साह भर दिया है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इस पावन अवसर पर सूर्यदेव की पूजा से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होगा। छठ पूजा के लिए की जा रही तैयारियों और सुरक्षा प्रबंधों ने इस धार्मिक पर्व को भव्यता प्रदान की है, जो छठ व्रतधारियों और श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष अवसर बन गया है।

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