वाराणसी (काशीवार्ता)। भारतीय ज्ञान परंपरा की खोज में वैश्विक रुचि बढ़ रही है और इसी उद्देश्य से कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी, लॉक हेवन कैम्पस, पेन्सिलवेनिया, यूएसए के प्रतिनिधि मंडल ने प्राच्यविद्या संस्थान के कुलपति ने एमओयू (करार) का प्रस्ताव दिया। यह विनिमय कार्यक्रम अन्तर सांस्कृतिक समझ को बढावा देने एवं शैक्षणिक सहयोग देने के लिये कारगार सिद्ध होगा और दोनों संस्थानों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। उक्त बातें सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.बिहारी लाल शर्मा ने कही। कहा कि यह प्रस्ताव भारतीय ज्ञान परंपरा के अध्ययन और अनुसंधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा और दोनों संस्थानों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। कुलपति ने बताया कि विज्ञान भी हमारे भारतीय ज्ञान परम्परा का अमूल्य अंग है, संगणक और संस्कृत एक दूसरे की भाषा को समझ पाते हैं। करार होने के बाद दोनों संस्थाओं के शिक्षक, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों का आदान प्रदान तथा व्याख्यान, सेमिनार, सम्मेलन और कार्यशालाओं का आयोजन भी करके भाग लेने की अनुमति होगी। एक दूसरे के पुस्तकालय का भी लाभ प्राप्त होगा। यह समझौता हस्ताक्षर होने की तिथि से पांच वर्षों तक लागू रहेगी। कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी की डॉ.ऋचा शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने अपना प्रस्ताव देते हुए कहा कि कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी भारतीय ज्ञान परंपरा की खोज में रुचि रखती है और इस करार के माध्यम से हम दोनों संस्थानों के बीच एक मजबूत सम्बंध बना सकते हैं। इस दौरान कुलपति को फरवरी में संयुक्त राज्य अमेरिका के कॉमन वेल्थ यूनिवर्सिटी में भारतीय ज्ञान परम्परा विषय पर व्याख्यान हेतु आमंत्रित किया। उक्त जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी शिशेन्द्र मिश्र ने दी।