प्रेमचंद का साहित्य एक सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज

वाराणसी (काशीवार्ता)। प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट लमही द्वारा कहानी सांसारिक प्रेम और देश-प्रेम का पाठन संयुक्त आयुक्त डाॅ.शमशेर जमदग्नि द्वारा किया गया। संस्था के संरक्षक श्रद्धानन्द ने कहा कि प्रेमचंद की साहित्य एक सामाजिक सांस्कृतिक दस्तावेज है। इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण दिखलाई देता है। यह कहानी सांसारिक प्रेम और देश-प्रेम (उर्दू नामक-इश्के दुनिया और हुब्बे वतन) प्रेमचंद की पहली प्रकाशित कहानी है। यह कहानी इटली के मशहूर राष्ट्रवादी मैजिनी और उसकी प्रेमिका मैग्डलीन के जीवन को आधार बनाकर लिखी गई है जो देश की आजादी के लिए संघर्ष की भावना को अभिव्यक्त करती है। इस दौरान विनोद कुमार शर्मा, श्रीधर त्रिपाठी, राहुल यादव, राजीव श्रीवास्तव, संजय श्रीवास्तव, राहुल विश्वकर्मा, प्रांजल श्रीवास्तव सहित अनेकों लोग मौजूद रहे। अतिथियों का स्वागत मनोज विश्वकर्मा, संचालन आयुषी दूबे व धन्यवाद ज्ञापन प्रकाश कुमार श्रीवास्तव (गणेश जी) ने किया। साहित्यकारों का सम्मान ट्रस्ट के संरक्षक प्रो श्रद्धानन्द, निदेशक राजीव गोंड ने किया।

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