प्रयागराज महाकुम्भ: संयम, साधना और तप की त्रिवेणी का साक्षी बनेगा कल्पवास

पौष पूर्णिमा से आरंभ होगा कल्पवास, सात लाख श्रद्धालुओं के लिए भव्य व्यवस्था
प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित महाकुम्भ का यह आयोजन संयम, साधना और तप का अद्भुत संगम है। इस बार पौष पूर्णिमा से शुरू होने वाले कल्पवास में सात लाख से अधिक श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कल्पवासियों की सुविधा और स्वच्छता के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। गंगा-यमुना के पवित्र संगम पर लगभग 900 बीघा भूमि में कल्पवासियों के लिए तंबुओं के शिविर लगाए गए हैं। इन शिविरों को गंगा के निकट बनाया गया है ताकि श्रद्धालु आसानी से प्रतिदिन स्नान कर सकें।

स्वच्छता के लिए विशेष इंतजाम
महाकुम्भ को भव्य और स्वच्छ बनाने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं लागू की हैं। कल्पवासियों के शिविरों में सूखे और गीले कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबिन लगाए जाएंगे। गंगा तट पर स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी डस्टबिन रखे गए हैं। साथ ही, सिंगल-यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए शिविरों के बाहर जागरूकता पोस्टर लगाए जाएंगे।

शीत लहर से बचाव के उपाय
माघ महीने की कड़ाके की ठंड को देखते हुए, प्रशासन ने शिविरों के बाहर अलाव की व्यवस्था की है। बुजुर्ग श्रद्धालुओं को ठंड से बचाने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अलाव के साथ-साथ गर्म पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

धार्मिक और सांस्कृतिक समागम का अद्भुत आयोजन
महाकुम्भ अध्यात्म और संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन है, जहां आस्था के विविध रंग देखने को मिलते हैं। ज्ञान, भक्ति, और साधना के इस महायज्ञ में कल्पवासी जप, तप, और संयम का जीवन जीते हैं। योगी सरकार के इन विशेष प्रयासों से इस बार का महाकुम्भ न केवल दिव्य और भव्य होगा, बल्कि स्वच्छता और व्यवस्था का नया मानक भी स्थापित करेगा।

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