सीमावर्ती चौकियों पर सख्ती: छह महीने से तैनात पुलिसकर्मी हटेंगे, अपराधियों पर ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति

वाराणसी। अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिसिंग व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने कड़ा रुख अपनाया है। सीमावर्ती जिलों की उन पुलिस चौकियों पर जहां पुलिसकर्मी छह माह से अधिक समय से तैनात हैं, वहां तैनाती में बदलाव किया जाएगा। पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया है कि किसी भी चौकी पर मानक संख्या से अधिक पुलिसकर्मी नहीं होंगे। इसके लिए अधिकारियों को ऐसे पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

कमिश्नर ने बताया कि कुछ सीमावर्ती क्षेत्रों में पशु तस्करी, शराब की अवैध तस्करी, जुआ और अन्य अनैतिक गतिविधियों की संभावना अधिक रहती है। ऐसे में लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों की मौजूदगी पर सवाल उठते हैं। इसलिए छह माह की तैनाती व्यवस्था से इन गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।

साइबर अपराधों को लेकर भी पुलिस कमिश्नर ने जनता से जागरूक रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि किसी भी लालच या फायदे के झांसे में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। पुलिस को मित्र समझकर सहयोग करना चाहिए।

थानों के संचालन और कार्यप्रणाली को लेकर भी सख्ती बरती जा रही है। पुलिस कमिश्नर ने जोनवार थानेदारों की परफार्मेंस रिपोर्ट तलब की है। जिनकी परफॉर्मेंस खराब होगी, उन पर लाइन हाजिर से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी। हर माह होने वाली क्राइम मीटिंग में इस रिपोर्ट का मूल्यांकन किया जाएगा।

कमिश्नर ने कहा कि पोस्टिंग चाहे फील्ड में हो या कार्यालय में, पुलिसकर्मियों को निराश न होकर शत-प्रतिशत योगदान देना चाहिए। इससे पुलिस विभाग की छवि और विश्वसनीयता में सुधार होगा।

अपराधियों पर नरमी न बरतने की चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भू-माफियाओं और अपराधियों की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं। हाल ही में दो करोड़ की संपत्ति एक सूदखोर की और शाइन सिटी की जब्त की गई है। पिछले एक वर्ष में 25 अपराधियों को मुठभेड़ में गोली लगी है। यह ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत अपराधियों पर किसी तरह की ढील नहीं दी जाएगी।

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