पुलिस कमिश्नर ने की क्राइम सेल की कार्यप्रणाली की समीक्षा

वाराणसी -(काशीवार्ता)- पुलिस आयुक्त कमिश्नरेट वाराणसी मोहित अग्रवाल द्वारा साइबर क्राइम सेल के कार्यों की समीक्षा की गई। इसको लेकर आयोजित बैठक में साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों के निस्तारण की स्थिति, पोर्टलों पर डेटा अपडेट, तकनीकी उपकरणों के प्रभावी उपयोग एवं साइबर अपराधियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई। पुलिस कमिश्नर ने कहा की साइबर अपराध आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। सभी अधिकारी समयबद्ध, तकनीकी एवं समन्वित तरीके से कार्य करें, ताकि साइबर अपराधियों के विरु द्ध प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। साइबर अपराध की शिकायतों के संबंध में कृत कार्यवाही : साइबर अपराध में संलिप्त 654 मोबाइल नंबरो को ब्लॉक कराया गया। इसी प्रकार 335 आईएमईआई नंबंरो को डिएक्टिवेट कराया गया 16 फर्जी कॉल सेन्टर संचालित कर साइबर ठगी करने वाले 84 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की गई। गैंग बनाकर साइबर अपराध कारित करने वाले 03 गैंगों के विरूद्ध गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई। पुलिस आयुक्त के निर्देशन में साइबर थाना एवं साइबर क्राइम सेल द्वारा कुल 2,15,46,638 रुपये साइबर अपराध पीड़ितों को वापस कराए गए। पुलिस आयुक्त आयुक्त के निर्देशन में साइबर क्राइम सेल द्वारा विगत 03 माह में स्कूल, कॉलेज, सार्वजनिक स्थल आदि स्थानों पर 291 साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर कुल 38,524 लोगों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया गया। बैठक में एनसीआरपी पोर्टल की समीक्षा करते हुए प्राप्त सभी शिकायतों की प्रगति एवं निस्तारण की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई। प्रत्येक शिकायत का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करने तथा पीड़ितों को शीघ्र राहत प्रदान करने के निर्देश दिए गए। लंबित शिकायतों के संबंध में थानावार उत्तरदायित्व तय करने के निर्देश दिए गए !जेआईएमएस पर फीडिंग की स्थिति: जेआईएमएस पोर्टल पर थानावार गिरफ्तार अभियुक्तों की एंट्री फीडिंग की स्थिति की समीक्षा की गई। यह निर्देश दिए गए कि प्रत्येक गिरफ्तारी के पश्चात तत्काल पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए। किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही पर जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की चेतावनी दी गई। प्रतिबिम्ब’ पोर्टल के उपयोग संबंधी निर्देश: पुलिस आयुक्त द्वारा ‘प्रतिबिम्ब पोर्टल’ के व्यापक एवं सार्थक उपयोग पर बल दिया गया। पोर्टल के माध्यम से साइबर अपराध की प्रवृत्तियों, क्षेत्रों एवं अभियुक्तों के पैटर्न का विश्लेषण करने के निर्देश दिए गए। पोर्टल की रिपोर्ट्स का उपयोग इंटेलिजेंस-बेस्ड पुलिसिंग के रूप में करने पर जोर दिया गया। ांदिग्ध आईएमईआई / मोबाइल नंबर ब्लॉकिंग : साइबर अपराधों में प्रयुक्त या संदिग्ध पाए गए आईएमईआई नंबरों /मोबाइल नंबरों को तत्काल ब्लॉक कराने के निर्देश दिए गए। ऐसी गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए एक समर्पित तकनीकी टीम गठित करने के निर्देश दिए गए। पीओएस वेरिफिकेशन को अत्यंत गंभीरता से लेने के निर्देश दिए गए। किसी भी फर्जी या संदेहास्पद पीओएस की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल विधिक कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए गए। म्यूल अकाउंट वेरिफिकेशन: पुलिस आयुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि म्यूल बैंक खातों की पहचान एवं वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए। ऐसे खातों के माध्यम से अवैध लेन-देन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
अतिरिक्त दिशा-निर्देश साइबर अपराधों से संबंधित सभी मामलों में डिजिटल साक्ष्यों का संरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। साइबर सेल के अधिकारियों को लगातार तकनीकी प्रशिक्षण एवं अपडेशन प्रदान करने पर बल दिया गया। जनता को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने हेतु साइबर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए।

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