वाराणसी (काशीवार्ता)। दिनांक 08 अक्टूबर 2024 को बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) की विजयादशमी समिति द्वारा आयोजित श्री राम कथा प्रवचन में साधना शास्त्री ने भगवान श्री राम के जीवन के अत्यंत भावुक और प्रेरणादायक प्रसंग का वर्णन किया। कथा के दौरान श्री राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के जनकपुर से विवाह के बाद अयोध्या आगमन का दृश्य सभी श्रोताओं के हृदय को छू गया।
प्रवचन में साधना शास्त्री ने राजा दशरथ द्वारा भगवान राम के राज्याभिषेक की तैयारी और मंथरा के षड्यंत्र का संवेदनशील ढंग से वर्णन किया। जैसे ही कथा मंथरा की कुटिल चालों और कैकेयी के कोपभवन में जाने की घटनाओं की ओर बढ़ी, श्रोताओं का ध्यान कथा में गहराई से बंध गया। साधना शास्त्री ने इस प्रसंग को जीवंत बनाते हुए समझाया कि किस प्रकार भगवान राम ने वनवास को सहर्ष स्वीकार किया और जीवन के आदर्शों का पालन किया।
श्री राम का वन गमन, राजा दशरथ का विलाप, और अयोध्या के नागरिकों की व्यथा ने सभी की आंखों को नम कर दिया। साधना शास्त्री के ओजस्वी प्रवचन ने श्रोताओं को भगवान राम के त्याग और मर्यादा की महत्ता से अवगत कराया। कथा का यह मार्मिक प्रसंग सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के मन में भगवान राम के आदर्श चरित्र की गहरी छाप छोड़ गया।
इस अवसर पर भारी संख्या में भक्तों ने उपस्थित होकर श्री राम के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। विजयादशमी समिति द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम अत्यंत सफल और भावपूर्ण रहा। सभी ने मिलकर भगवान राम के जीवन से प्रेरणा लेने की प्रेरणा ली और एकजुट होकर संस्कृति और धर्म के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाने का संकल्प लिया। इस प्रकार, यह आयोजन न केवल धार्मिक था, बल्कि समाज के लिए एक सशक्त संदेश भी था।