नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा चुनाव 2024 के प्रचार के दौरान विपक्ष द्वारा व्यक्तिगत हमलों के बारे में खुलकर बात की और दावा किया कि वह “गाली प्रूफ” बन गए हैं।
लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण से पहले समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि विपक्षी दल “इतने निराश हो गए हैं कि अब गाली देना उनका स्वभाव बन गया है।”
उन्होंने कहा, जहां तक मोदी का सवाल है, पिछले 24 साल से लगातार गालियां खाने के बाद मैं ‘गाली प्रूफ’ बन गया हूं। मुझे ‘मौत का सौदागर’ और ‘गंदी नाली का कीड़ा’ किसने कहा? मोदी ने उन पर व्यक्तिगत हमलों पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा, संसद में हमारी पार्टी के सदस्य ने हिसाब लगाया और 101 गालियां गिनाईं, तो चाहे चुनाव हो या न हो, ये लोग (विपक्ष) मानते हैं कि गाली देने का अधिकार सिर्फ उन्हें हैं और वो इतने हताश हो गए हैं कि अब गाली देना ही उनकी प्रकृति हो गया है। 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
मोदी ने विपक्षी नेताओं के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि उन्हें दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है और कहा कि उनकी सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा है कि भ्रष्टाचार के प्रति कोई सहिष्णुता नहीं होगी।
अपने साक्षात्कार में आगे बात करते हुए मोदी ने कहा, जो यह कूड़ा फेंक रहा है, उससे पूछो कि तुम जो कह रहे हो उसका प्रमाण क्या है?…मैं इस कूड़े को खाद में बदल दूंगा और इससे देश के लिए कुछ अच्छी चीजें पैदा करूंगा…जब मनमोहन सिंह सत्ता में थे 10 साल तक ₹34 लाख जब्त किए गए और वर्तमान में पिछले 10 वर्षों में ED ने ₹2200 करोड़ जब्त किए हैं, जिसने देश में ₹2200 करोड़ वापस लाए हैं उसका सम्मान किया जाना चाहिए, न कि गाली दी जानी चाहिए …इसका मतलब यह है कि जिसका भी पैसा चुराने में हाथ होगा, वह पकड़े जाने पर थोड़ा चिल्लाएगा…आज चेकबुक पर हस्ताक्षर करने का अधिकार एक सरपंच को है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री को नहीं है…मोदी सरकार ने अपने अधिकारियों से कहा है कि मेरी सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस रखती है।
मोदी ने कहा कि विपक्ष से केंद्रीय जांच एजेंसियों के कामकाज में हस्तक्षेप के आरोपों पर उनके पास मौजूद सबूतों के बारे में पूछा जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जांच एजेंसियों के काम में हस्तक्षेप नहीं करती है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि मोदी तय करते हैं कि कौन जेल जाएगा, प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, “बेहतर होगा कि ये लोग संविधान पढ़ें, देश का कानून पढ़ें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।”