वाराणसी(काशीवार्ता)।वाराणसी में निजी अस्पतालों के अवैध कार्यों के कारण सरकार की स्पष्ट दिशा-निर्देशों की अनदेखी हो रही है। दिल्ली में एक कोचिंग हादसे के बाद जब प्रशासन ने बेसमेंट में चल रहे व्यवसायों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की, तब उम्मीद जगी कि अब नियमों का पालन होगा। परन्तु, ऐसा होते नहीं दिख रहा है। वरुणापार के अधिकतर निजी अस्पतालों के बाहर जहां सड़कों पर पार्किंग होती है, वहीं बेसमेंट में अवैध रूप से मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी, और फिजियोथेरेपी सेंटर चलते हैं।
सरकार का निर्देश है कि बेसमेंट का इस्तेमाल व्यवसायिक उद्देश्यों के लिए न किया जाए, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से अस्पताल संचालकों की मनमानी जारी है। पाण्डेयपुर स्थित श्री बालाजी हार्ट सेंटर और श्री बालाजी किडनी सेंटर के बेसमेंट में पैथोलॉजी और अन्य चिकित्सा सेवाएं संचालित हो रही हैं। नियमों के विरुद्ध जाकर इन बेसमेंट्स में ईसीजी, इको, और अन्य हार्ट सम्बन्धित जांचें की जा रही हैं।
अधिकारियों की उदासीनता और रिश्वतखोरी ने अस्पताल संचालकों को हौसला दिया है कि वे नियमों की धज्जियां उड़ा सकें। सुधा सर्जिकल का बेसमेंट फिलहाल अस्थायी रूप से खाली कर दिया गया है, लेकिन सड़कों पर पार्किंग का दुरुपयोग जारी है। ये संचालक बेसमेंट की जांच प्रक्रिया के खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं ताकि फिर से अपने अवैध व्यवसाय शुरू कर सकें।
इस प्रकार की मनमानी से सड़कों पर यातायात में बाधा उत्पन्न होती है और नागरिकों के जीवन में असुविधा होती है। प्रशासन को चाहिए कि वह प्रभावी तरीके से इन अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करे और नियमों का पालन सुनिश्चित करे ताकि लोगों को सुरक्षित और सुगम स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।