वाराणसी (काशीवार्ता) न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय प्रियल शर्मा ने ३ करोड़ों रुपयों के साइबर फ्रॉड के मामले में यस बैंक के कर्मचारियों और स्वामीनारायणनन्द तीर्थ विद्यालय के शिक्षक पुनीत दीक्षित विरुद्ध थाना प्रभारी भेलूपुर को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। साइबर फ्रॉड के मामले में प्रार्थी पंकज दुबे ने धारा १७३(४) का प्रार्थना पत्र अपने अधिवक्ता अंशुमान त्रिपाठी और मदन मोहन पांडेय के माध्यम से न्यायालय में दिया था।
प्रार्थी पंकज दुबे स्वामीनारायणनन्द तीर्थ विद्यालय अस्सी भेलूपुर में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे। प्रार्थी के साथ ही स्वामीनारायणनन्द तीर्थ विद्यालय के अन्य शिक्षक पुनीत दीक्षित भी स्वामीनारायणनन्द तीर्थ विद्यालय के रामेश्वर मठ में निवास करते थे। प्रार्थी ने एक वनशक्ति फाउंडेशन नाम से एक एनजीओ बनाया तथा यस बैंक में करेंट खाता खोला।प्रार्थी पंकज दुबे के बिना जानकारी के अभियुक्त पुनीत ने उसके एनजीओ के करेंट खाता के इंटरनेट बैंकिंग किट व छोटा कीपैड मोबाइल फोन को चोरी से गायब कर दिया।
अभियुक्त ने पीड़ित को उसके लड़की की शादी के लिए अपने भांजे से करवाने के लिए उसे लड़का देखने के लिए ३१ जुलाई २०२४ को मध्य प्रदेश बुलाया परन्तु पीड़ित से अभियुक्त नहीं मिला तथा टालमटोल करता रहा। ३ अगस्त से ४ अगस्त २०२४ के बीच पीड़ित के करेंट खाता में तीन करोड़ बीस लाख रुपए विभिन्न माध्यम से भेजे गए तथा ढाई करोड़ रुपए १५ दिन में विभिन्न माध्यम से निकाल लिया गया। अभियुक्त पुनीत ने प्रार्थी पंकज दुबे से मध्य प्रदेश में मुलाकात नहीं की और उसका फोन भी नहीं उठाया तथा अस्सी स्थित विद्यालय में बिना बताए आना भी छोड़ दिया। पीड़ित को बाद में जानकारी मिली कि उसके विरुद्ध झारखंड और लखनऊ में दो मुकदमे दर्ज हुए हैं। पीड़ित पंकज दुबे को जब जानकारी हुई कि उसके खाते में गलत तरीके से साइबर फ्रॉड करके ३ करोड़ रुपए भेजा गया है, जिसपर वह बैंक के कर्मचारियों से मिला परन्तु उन्होंने प्रार्थी को कोई जानकारी नहीं दी उल्टा कहा कि आपका खाता है अपने ही पैसे खाते से निकाला होगा जबकि प्रार्थी कभी बैंक गया ही नहीं था और न ही कही चेक पर हस्ताक्षर किया था। न्यायालय में प्रार्थी पंकज दुबे का पक्ष अंशुमान त्रिपाठी और मदन मोहन पांडेय ने रखा।