Varanasi: लक्ष्मी कुंड में सोरहिया मेले के आखिरी दिन महिलाओं ने किया निराजल व्रत, जिउतिया माता की आराधना कर की पुत्र रत्न की कामना

वाराणसी, भाद्रपद शुक्ल अष्टमी: पावन नगरी वाराणसी के लक्ष्मी कुंड में चल रहे पारंपरिक सोरहिया मेले के सोलहवें दिन धार्मिक आस्था और परंपराओं की अनूठी छटा देखने को मिली। सैकड़ों की संख्या में व्रती महिलाओं ने नीरजला व्रत रखकर माता लक्ष्मी का सोलह परिक्रमा करते हुए दर्शन-पूजन किया।

इस अवसर पर महिलाओं ने विशेष रूप से जीउतिया माता का व्रत भी रखा, जो कि पुत्र रत्न की प्राप्ति तथा संतान की दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना से जुड़ा होता है। व्रती महिलाओं ने आठ प्रकार के फल, फूल और माला से माता का पूजन किया और आठ कथा श्रवण कर विधि-विधान से पूजा-पाठ संपन्न किया।

इस पर्व की मान्यता है कि भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के दिन जीउतिया माता का व्रत रखने से संतान को सुख, आरोग्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद प्राप्त होता है। व्रती महिलाएं पूरे दिन निर्जल रहकर संतान के लिए मां लक्ष्मी और जीउतिया माता का आह्वान करती हैं।

लक्ष्मी कुंड परिसर में दिन भर भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना रहा। पूजा के पश्चात महिलाओं ने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और अगली पीढ़ियों को भी इस परंपरा से जोड़ने का संकल्प लिया।

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