वाराणसी। सावन माह के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ दरबार में यादव बंधुओं के परम्परागत जलाभिषेक में बदलाव के निर्देश को लेकर यादव समाज में नाराजगी बढ़ रही है। शुक्रवार को गोलघर स्थित पराड़कर भवन में गोवर्धन पूजा समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सावन माह के पहले सोमवार को यादव बंधु सबसे पहले बाबा काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक करते हैं। सैकड़ों साल से चली आ रही इस परंपरा को जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने बदलने का प्रयास किया है।
समिति के अध्यक्ष विनोद यादव ‘गप्पू’ ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि किसी भी परम्परागत कार्यक्रम को किसी को किसी प्रकार से छेड़छाड़ ना किया जाय। ना ही उसका स्वरूप बदला जाय लेकिन वाराणसी जिला प्रशासन एवं काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने सीएम के आदेश की अवहेलना करते यादव बन्धुओं के पारम्परिक काशी विश्वनाथ गर्भगृह जलाभिषेक कार्यक्रम को बाधित कर नई परम्परा का फरमान जारी किया है। इसमें मात्र 21 यादव बन्धु गर्भगृह में जलाभिषेक करेंगे। इस निर्णय से यादव समाज की आस्था को ठेस पहुंची है। विनोद यादव ने कहा कि जलाभिषेक के परम्परागत कार्यक्रम में जिला प्रशासन की भूमिका पिछले दो साल पहले तक सराहनीय थी। तमाम चुनौतियों के बावजूद निर्बाध रूप से परम्परागत जलाभिषेक कार्यक्रम प्रशासन सकुशल बिना भेदभाव के सम्पन्न कराता था।
काशी के यादव बन्धु भी जिला प्रशासन का पूर्ण सहयोग व सम्मान करते रहे। हमारी मांग है काशी की प्राचीन परम्पराओं में प्रमुख यादव बन्धुओं के जलाभिषेक का तरीका पहले जैसा होना चाहिए। पूर्व में परम्परागत रूप से 2 घंटे 10 मिनट समय निर्धारित था। जिसे पूर्ववत लागू किया जाय। गत वर्ष जिला प्रशासन ने मात्र 21 लोगों को जलाभिषेक की अनुमति दी थी। इस नई परम्परा को रद्द किया जाय एवं यदुवंशियों के सम्मान में पुरानी परम्परा को बहाल किया जाय। वार्ता में जय प्रकाश यादव पप्पू, पारसनाथ यादव, राजेश अहीर आदि भी मौजूद रहे।