इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार 19 सितंबर 2025 को सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी। न्यायमूर्ति डॉ. गौतम चौधरी की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया। कोर्ट के इस निर्णय के बाद उमर अंसारी के परिजनों और समर्थकों ने राहत की सांस ली है।
गौरतलब है कि उमर अंसारी लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे और उनकी जमानत याचिका का इंतजार प्रदेश की सियासत में चर्चा का विषय बनी हुई थी। अदालत के फैसले में कहा गया कि अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें देखने के बाद जमानत देने योग्य परिस्थितियां पाई गईं, जिसके आधार पर उनकी याचिका को स्वीकार किया गया।
इस फैसले के बाद अब प्रदेश की राजनीति में एक नई हलचल देखी जा रही है। दरअसल, अब्बास अंसारी पहले से ही कई मामलों में चर्चाओं और विवादों के घेरे में रहते हैं। ऐसे में उनके छोटे भाई उमर अंसारी को मिली जमानत को सियासी गलियारों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस फैसले को अपने-अपने तरीके से परखने में जुट गए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला अंसारी परिवार के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा और आने वाले समय में इसका असर प्रदेश की सियासत पर भी देखने को मिल सकता है। समर्थक जहां इसे न्याय की जीत बता रहे हैं, वहीं विरोधी पक्ष इसे लेकर सवाल खड़े कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, इलाहाबाद हाईकोर्ट का यह फैसला न सिर्फ उमर अंसारी के लिए राहत भरा है, बल्कि प्रदेश की राजनीति में भी इसे लेकर नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।