वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु को समर्पित एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। वैदिक पंचांग में यह बताया गया है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन निर्जला एकादशी व्रत का पालन किया जाता है। इस दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए, यह उपवास रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत को कठिन उपवास में गिना जाता है। बता दें कि निर्जला एकादशी इस बार 18 जून को पड़ रहा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु के उपासना करने से और निर्जला एकादशी व्रत का पालन करने से सभी 24 एकादशी व्रत का फल प्राप्त होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन पर कुछ खास उपायों का पालन करने से जीवन में आ रही आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है।
निर्जला एकादशी व्रत के दिन करें ये उपाय
आर्थिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए निर्जला एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु को तुलसी की मंजरी जरूर अर्पित करें और भोग में भी तुलसी का पत्ता डालें। ऐसा करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि एकादशी के दिन तुलसी का पत्ता या तुलसी की मंजरी ना तोड़ें।
एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की उपासना का विधान है। इस दिन लक्ष्मी नारायण की उपासना करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही साधक के सभी दुख जल्द ही दूर हो जाते हैं।
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान भगवान को तुलसी दल जरूर अर्पित करें। ऐसा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और धन-सौभाग्य में वृद्धि होती है।
इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को चावल की खीर भोग के रूप में अर्पित करें। साथ ही पूजा के समय श्री हरि को अक्षत और गुड़ से मिश्रित खीर भी अर्पित कर सकते हैं। ऐसा करने से भी जीवन में सुख-समृद्धि आती है और श्रीहरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।