वाराणसी -(काशीवार्ता)- फर्जी ट्राई अधिकारी, सीबीआई अधिकारी बनकर नेवी के रिटायर्ड सब लेफ्टिनेंट को डिजिटल अरेस्ट कर 98 लाख की साइबर ठगी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गैंग के सरगना समेत नौ आरोपियों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान संदीप कुमार निवासी गौशालापुरवा, थाना रामकोटी, जनपद सीतापुर, अभिषेक जायसवाल निवासी चकिया, जनपद चन्दौली, विकास सिंह नेवी के अधिकारी को लगायी थी चपत साइबर थाना टीम ने दबोचा
पटेल निवासी हातीपुर, चुनार मिजीपुर, कुनाल सिंह निवासी मगरहा थाना चुनार, मिर्जापुर, संजय यादव निवासी ग्राम लालपुर, जलालपुर, जनपद जौनपुर, हर्ष मिश्रा निवासी ग्राम फुलहा, थाना रामगढ़, चुनार, मिर्जापुर, नितिन सिंह निवासी खानपुर, थाना चुनार, मिर्जापुर, चुनार का मोहम्मद आदिल खान और भेलूपुर के इकबाल खान के रूप में हुई।उनके कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, लैपटाप, टैबलेट व 7,51,860 रु पये बरामद हुए है। मामले में पीड़ित अनुज कुमार यादव निवासी माधव नगर कालोनी, सारनाथ ने केस दर्ज कराया था। मामले का पर्दाफाश डीसीपी गोमती
इस तरह से लेते हैं झांसे में
साइबर अपराधियों द्वारा सर्वप्रथम फर्जी ट्राई अधिकारी, सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को उनक मोबाइल नम्बर पर वर्चुवल नंबर से काल कर उनके नाम पर फर्जी सिम के जारी होने तथा उस सिम का अवैध गतिविधियों में लिप्त होने का झांसा देते हुए उनकी डिजिटल हाउस अरेस्टिंग कर वेरीफिकेशन के नाम पर तथाकथित आरबीआई के बैंक खातो में पैसा ट्रान्सफर कर लिया जाता है। उन पैसो को साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी गेमिंग एप्लीकेशन में यूजर्स को पेआउट के नाम पर ट्रान्सफर कर दिया जाता है। इस तकनीकि में साइबर अपराधियों द्वारा ईसीएस व ईआईपी सर्विसेज का इस्तेमाल करते हुए ओटीपी प्राप्त करने के लिए एसएमएस फार्डरवर एप्लीकेशन जैसे ड्रैगन एसएमएस आदि का प्रयोग किया जाता है। तथा अपनी पहचान छिपाने के उदेश्य से इस तरह की घटना में फर्जी म्यूल बैंक खातो, फर्जी सिम कार्ड व डिजिटल फुटिप्रंट से बचने के लिए वर्चुवल मशीन का प्रयोग किया जाता है। जोन प्रमोद कुमार व एडीसीपी क्राइम श्रुति श्रीवास्तव ने किया। वहीं गिरफ्तार करने वाली टीम में निरीक्षक विजय नारायण मिश्र, निरीक्षक राजकिशोर पांडेय, निरीक्षक विपिन कुमार, निरीक्षक ,विजय कुमार यादव, एसआई संजीव कन्नौजिया, सतीश सिंह, शैलेन्द्र कुमार, आलोक रंजन सिंह, साइबर एक्सपर्ट श्याम लाल गुप्ता, गोपाल चौहान, चन्द्रशेखर यादव रहे।