शारदीय नवरात्र: माँ कालरात्रि के सातवें दिन का प्रातःकालीन श्रृंगार दर्शन

वाराणसी(काशीवार्ता)।अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में मनाए जाने वाले शारदीय नवरात्र का सातवां दिन माता कालरात्रि की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होता है। इस दिन श्रद्धालु भक्ति भाव से ओतप्रोत होकर माता के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मंदिरों में उमड़ते हैं। इसी क्रम में माता कालरात्रि के प्रातःकालीन श्रृंगार दर्शन को देखने के लिए भक्तों की लंबी कतारें सुबह से ही लगनी शुरू हो गई थीं।

माता कालरात्रि का यह रूप अत्यंत शक्तिशाली और भयमुक्ति प्रदान करने वाला माना जाता है। भक्तगण इस दिन विशेष रूप से माता के दिव्य रूप का दर्शन करके अपने जीवन से सभी प्रकार के भय और संकटों को दूर करने का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। सुबह की आरती और श्रृंगार दर्शन के समय माता कालरात्रि को लाल वस्त्र, पुष्पों और आभूषणों से विशेष रूप से सजाया गया था। मंदिर परिसर में चारों ओर भक्ति और श्रद्धा का माहौल व्याप्त था, जहाँ भक्तगण माता की महिमा गाते हुए उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना कर रहे थे।

दर्शन के लिए आए श्रद्धालु माता के पवित्र रूप के दर्शन कर खुद को धन्य मानते हैं। माँ कालरात्रि के दर्शन मात्र से ही उनके मन में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। भक्तगण अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए माता के चरणों में नारियल, चुनरी, और अन्य पूजन सामग्री अर्पित कर रहे थे। मंदिर के पुजारियों द्वारा विधिवत पूजा संपन्न की गई, जिसमें माँ कालरात्रि की आराधना, मंत्रोच्चारण और हवन का विशेष आयोजन हुआ।

इस शुभ अवसर पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था। भक्तगण माता का आशीर्वाद पाकर अपने जीवन के कठिनाइयों से छुटकारा पाने की उम्मीद करते हैं और नवरात्रि के इस सातवें दिन को विशेष महत्व के साथ मनाते हैं।

TOP

You cannot copy content of this page