विद्वान प्रोफेसर,शिक्षाविद एवं छात्र छात्राओं के साथ वाराणसी में उच्च शिक्षा के परिपेक्ष्य में संवाद संगोष्ठी का हुआ आयोजन
वाराणसी -समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश-2047 अभियान के अंतर्गत आज विद्वान प्रोफेसर,शिक्षाविद प्रबुद्धजन एवं वाराणसी के छात्र छात्राओं के साथ उच्च शिक्षा के परिपेक्ष्य में संवाद संगोष्ठी का आयोजन सर्किट हाऊस सभागार में आयोजित हुआ।शासन द्वारा नामित प्रबुद्धजनों में डॉ प्रेम कुमार गौतम और नवीन कुमार की टीम भी इस कार्यक्रम में शामिल हुई।इस कार्यक्रम में सीडीओ हिमांशु नागपाल ने पिछले आठ सालों में उत्तर प्रदेश में शिक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में हुए सुधार के बारे में विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत की गई।उन्होंने इसमें सभी विभागों की प्रमुख जनकल्याणकारी योजनाओं और लाभान्वित लाभार्थियों की संख्या से भी सभी को अवगत कराया।विभिन्न शिक्षण संस्थाओं से आए शिक्षकों ने भी अपने अपने सुझाव रखे।
प्रधानमंत्री/सीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के वी राजू ने कहा कि आप लोग शिक्षा के क्षेत्र में कहाँ तक बदलाव चाहते हैं,इसके लिए स्वप्न देखना जरूरी है।कहा कि अगले पाँच साल दस सालों में कैसी शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिए,इसके बारे में आपके सुझाव बहुत जरूरी हैं।उन्होंने कहा कि रोजगारपरक शिक्षा,ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो और महिला साक्षरता बढ़ाने ,कौशल विकास और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता को ध्यान में रखते भविष्य की शिक्षा पद्धति के विजन डॉक्यूमेंट को तैयार कर समर्थ,समृद्ध और सशक्त उत्तर प्रदेश के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण योगदान देगा।उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि सरकार द्वारा चिह्नित बारह सेक्टरों के संबंध में अपने सुझाव क्यूआर कोड को स्कैन कर जरूर दे।हमे अगले बाईस साल के विजन के लिए स्वप्न देखना जरूरी होगा।
जनपद के प्रभारी अधिकारी डॉ वी राजशेखर ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह है कि आजादी के सौ साल बाद आप सभी उत्तर प्रदेश को किस स्वरूप में देखना चाहते हैं।किसान,छात्र,शिक्षक,गृहिणी,उद्यमी व अन्य लोग अपने सुझाव क्यूआर कोड/पोर्टल के माध्यम से अपने सुझाव अवश्य दें।इस कार्यक्रम के माध्यम से हम सभी जमीनी स्तर से लोगो के सुझाव इकट्ठा कर भविष्य के लिए रोड मैप तैयार करेंगे।
जिलाधिकारी सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि वर्तमान में मानव संसाधन का सही उपयोग बहुत जरूरी है।जनसंख्या लाभांश दोधारी तलवार की तरह है इसे सही दिशा में ले जाना हम सबकी ज़िम्मेदारी है।उन्होंने कहा कि शिक्षा को समावेशी और रोजगारपरक बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बेहद आवश्यक है।हमे सकल नामांकन दर पचास प्रतिशत के स्तर तक ले जाना है।उन्होंने कहा कि हमे अपने को सरकारी सेवक के रूप में नहीं बल्कि संस्थागत बिल्डर के रूप में देखना चाहिए।उन्होंने मदनमोहन मालवीय के बी एच यू की स्थापना,एनीबेसेंट के शिक्षा के क्षेत्र में योगदान और सी वी रमन के नावेल पुरस्कार संबंधी जानकारियाँ साझा की।उन्होंने सभी से अपने सुझाव क्यूआर कोड/पोर्टल के माध्यम से देने की अपील भी की।
उत्तर प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047 अभियान के तहत जनपद में पधारे प्रबुद्धजनों द्वारा अपने-अपने विचार भी साझा किए गए।
जनपद के नोडल अधिकारी और जिलाधिकारी ने जनपद के विकास हेतु समस्त जनपदवासियों से उनके द्वारा अपने सुझाव स्कैनर/पोर्टल https://samarthuttarpradesh.up.gov.in/ के माध्यम से दिए जाने हेतु अपील किया गया।इस अवसर पर वीडियो क्लिप के माध्यम से स्कैनर द्वारा स्कैन कर उस पर भाषा का चयन करते हुए अपना मोबाइल नंबर डालकर ओटीपी के माध्यम से अपने विचार साझा करने की जानकारी दी गई।सीडीओ द्वारा सभी जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा अपने, अपने परिवार वालों, कार्यालय में आगंतुकों से भी फीडबैक /सुझाव लिए जाने एवं आम जन में प्रेरित किए जाने का अनुरोध किया गया।इस अवसर पर जनपद स्तरीय अधिकारीगण,स्कूल कॉलेज के छात्र छात्राएँ, शिक्षक आदि उपस्थित रहे।