
श्रावण मास भगवान शिव की आराधना का विशेष माह होता है। यह माह भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ शिव कृपा पाने का सुअवसर प्रदान करता है। यदि आप इस पावन मास में भगवान शंकर को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली उपायों को अपनाकर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
सबसे पहले, प्रतिदिन प्रातः स्नान कर शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र, धतूरा, भांग, और सफेद फूल अर्पित करें। सोमवार का व्रत रखें और “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। इस मंत्र का नियमित उच्चारण मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
श्रावण के प्रत्येक सोमवार को शिवपुराण या शिव चालीसा का पाठ करें। रुद्राभिषेक करवाना या स्वयं करना अत्यंत फलदायी होता है। गरीबों को भोजन कराना, वस्त्र दान करना और गौसेवा भी भगवान शिव को प्रिय है।
सादा, सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। शराब, मांसाहार, झूठ और क्रोध से दूरी बनाएं। शिव मंदिर में दीपक जलाएं और “महामृत्युंजय मंत्र” का जाप करें, जिससे जीवन के कष्ट दूर होते हैं।
श्रावण मास में शिव विवाह कथा, सती-शिव प्रसंग और नंदी-श्रवण की कथाओं का श्रवण भी पुण्यदायी होता है।
यदि श्रद्धा और नियम से उपासना की जाए, तो भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को इच्छित फल प्रदान करते हैं। श्रावण मास शिवभक्ति का श्रेष्ठ अवसर है, जिसे भाव और नियम से पूर्ण किया जाए तो जीवन में शांति, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है।