वाराणसी के प्रसिद्ध तुलसी घाट पर आज सुबह एक बड़ा हादसा टल गया, जब गंगा नदी में डूब रहे एक दंपति की जान जल पुलिस कर्मियों की तत्परता से बच गई। लखनऊ निवासी मोहित तिवारी और उनकी पत्नी नेहा काशी भ्रमण के लिए आए हुए थे और स्नान के लिए तुलसी घाट पहुंचे थे। स्नान के दौरान, गंगा नदी की गहराई का सही अंदाजा न होने के कारण दोनों गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे।
घाट पर सुबह का समय था, और लोग स्नान में व्यस्त थे जब अचानक मोहित और नेहा की चीख-पुकार सुनाई दी। चीखें सुनकर घाट पर तैनात जल पुलिस के जवान रामजी साहनी और मनोज साहू ने बिना समय गंवाए पानी में छलांग लगा दी। वे तुरंत मोहित और नेहा तक पहुंचे और उन्हें डूबने से बचाने का भरसक प्रयास किया। जल पुलिस कर्मियों की त्वरित और साहसिक कार्रवाई के कारण दोनों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा और भी गंभीर हो सकता था यदि जल पुलिस कर्मियों ने समय पर कार्रवाई न की होती। घाट पर मौजूद लोगों ने जल पुलिस कर्मियों की प्रशंसा की और उन्हें देवदूत के समान बताया, क्योंकि उनकी सतर्कता और तत्परता ने एक बड़ा हादसा टाल दिया। मोहित और नेहा को प्राथमिक चिकित्सा देने के बाद उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इस घटना ने एक बार फिर से जल पुलिस की भूमिका और उनके साहसिक कार्यों को सराहा।