गोरखपुर, 20 सितंबर: गोरक्षपीठाधीश्वर एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी की 55वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महंत दिग्विजयनाथ जी ने भारतीयता के नवनिर्माण और सुसंस्कृत समाज की नींव रखी। वह जीवन पर्यंत भारतीयता और सनातन धर्म के आदर्शों के लिए संघर्ष करते रहे।
श्रद्धांजलि समारोह में सीएम योगी ने कहा कि गोरक्षपीठ के पूज्य संतों, महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ, का पूरा जीवन देश और धर्म के लिए समर्पित था। उनके विचार और कृतित्व आज भी समाज को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने शिक्षा के महत्व को समझते हुए 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना की, जिसके माध्यम से उन्होंने शिक्षा को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य किया।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने छुआछूत मिटाने और हिंदू समाज को संगठित करने के लिए अनवरत कार्य किए, चाहे सरकार की परवाह किए बिना ही क्यों न करना पड़ा हो। उनकी दिव्य दृष्टि ने पहले ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की भविष्यवाणी कर दी थी, जो आज साकार हो चुकी है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की साधना और संकल्पों के कारण रामलला का विराजमान होना संभव हुआ।
कार्यक्रम के दौरान, विभिन्न क्षेत्रों से आए संतों और प्रमुखों ने महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ को श्रद्धांजलि दी। प्रो. पूनम टंडन, कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, ने उनके शिक्षा क्षेत्र में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि महंत दिग्विजयनाथ का व्यक्तित्व असाधारण और राष्ट्र केंद्रित था।
सभा का समापन महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज की छात्राओं द्वारा वंदे मातरम के गायन से हुआ।