
दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम
प्रयागराज में 13 जनवरी से आरंभ हुए दिव्य और भव्य महाकुंभ 2025 ने नया इतिहास रच दिया है। अब तक 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर चुके हैं। यह संख्या किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है। यह आंकड़ा इतना विशाल है कि इसे केवल भारत और चीन की जनसंख्या से ही तुलना की जा सकती है, जबकि अमेरिका, रूस, पाकिस्तान, ब्राजील, बांग्लादेश जैसे कई बड़े देशों की कुल जनसंख्या भी इससे कम है।
योगी सरकार के सुव्यवस्थित प्रयासों से ऐतिहासिक आयोजन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल प्रबंधन और सुव्यवस्थित प्रयासों ने महाकुंभ 2025 को ऐतिहासिक बना दिया है। पूरी दुनिया से श्रद्धालु इस धार्मिक महोत्सव का हिस्सा बनने प्रयागराज पहुंच रहे हैं। पहले ही अनुमान था कि इस बार स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ के पार जाएगी, लेकिन यह संख्या 11 फरवरी को ही पार हो गई थी और अब 14 फरवरी को यह आंकड़ा 50 करोड़ के पार पहुंच गया है। अभी महाकुंभ के समापन में 12 दिन शेष हैं और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व भी बाकी है, जिससे यह संख्या 55 से 60 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या विश्व की बड़ी आबादियों से अधिक
यूएस सेंसस ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, भारत (141.93 करोड़) और चीन (140.71 करोड़) को छोड़ दें तो अन्य सभी बड़े देशों की जनसंख्या महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालुओं से कम है। अमेरिका (34.20 करोड़), इंडोनेशिया (28.35 करोड़), पाकिस्तान (25.70 करोड़), ब्राजील (22.13 करोड़), बांग्लादेश (17.01 करोड़), रूस (14.01 करोड़) और मैक्सिको (13.17 करोड़) जैसे देशों की कुल जनसंख्या भी महाकुंभ में सम्मिलित श्रद्धालुओं की संख्या से कम है। यह दर्शाता है कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सनातन धर्म की विराटता और इसकी विश्वव्यापी श्रद्धा का प्रमाण बन चुका है।
विभिन्न स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
महाकुंभ के प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ उमड़ी।
- मौनी अमावस्या – 8 करोड़ श्रद्धालु
- मकर संक्रांति – 3.5 करोड़ श्रद्धालु
- बसंत पंचमी – 2.57 करोड़ श्रद्धालु
- माघी पूर्णिमा – 2 करोड़ से अधिक श्रद्धालु
- पौष पूर्णिमा – 1.7 करोड़ श्रद्धालु
- 30 जनवरी व 1 फरवरी – 2-2 करोड़ श्रद्धालु
विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन
महाकुंभ 2025 ने अपनी दिव्यता और भव्यता से पूरी दुनिया को चकित कर दिया है। करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था की डुबकी और संत-महात्माओं के प्रवचनों से यह आयोजन सनातन संस्कृति की गौरवशाली परंपरा को विश्व स्तर पर स्थापित कर रहा है।