Mahakumbh 2025: संगम नगरी में महाकुंभ को लेकर तैयारी शुरु, होटल और ढाबे स्मार्ट लुक में आएंगे नजर

प्रयागराज। संगम नगरी में त्रिवेणी संगम तट पर महाकुंभ और हर साल माघ मेले का आयोजन होता है। यहां देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र होने के लिए संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. हर साल जबरदस्त तैयारी की जाती है।यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो। साथ ही आधारभूत संरचनाओं के निर्माण के जरिए संगम नगरी को चमाचम कर दिया जाता है। संगम नगरी में 2025 में होने वाले महाकुंभ को लेकर तैयारियां शुरू हो गईं हैं।

संगम नगरी के होटल हो जाएंगे स्मार्ट
संगम तट पर 2025 में दुनिया का सबसे बड़ा मेला महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। इसके जरिए भारत के सांस्कृतिक पर्यटन को विश्व स्तर पर नई ऊचाइयों पर ले जाने के लिए भरपूर कोशिश की जा रही है। महाकुंभ को भव्य और नव्य बनाने के लिए संगम नगरी के मुख्य मार्गो में पड़ने वाले ढाबे, रेस्टोरेंट और होटलों को नया स्वरूप दिया जा रहा है।75 उद्यमियों का चयन भी कर लिया गया है। ये इन क्षेत्रों में अपना निवेश कर सकेंगे।

निवेश करने वाले उद्यमियों को अनुदान देगी सरकार
लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, वाराणसी, रीवा, चित्रकूट आदि से प्रयागराज को जोड़ने वाली सड़कों पर पड़ने वाले होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में निवेश किया जाएगा। इसके जरिए होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों का स्वरूप बदलकर आकर्षक बनाया जाएगा। इस व्यवसाय में निवेश करने वाले उद्यमियों को प्रदेश की पर्यटन नीति के तहत 25 फ़ीसदी तक अनुदान दिया जाएगा। इसमें 22 प्रकार की गतिविधियों को शामिल किया गया है। जिसमें वैलनेस रिजॉर्ट, हेरीटेज, होमस्टे, बजट होटल, हेरिटेज होटल, स्टार होटल, इको टूरिज्म की इकाइयां, कारवां टूरिज्म, यूनिट, प्रदर्शनी, तीर्थ यात्रा, धर्मशाला, ऑल वेदर सीजनल कैंप, जलाशय, झील, वैलनेस टूरिज्म और एडवेंचर शामिल है।

महाकुंभ की तैयारी को लेकर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह के मुताबिक 22 गतिविधियों में निवेश करने वाले उद्यमियों को पर्यटन विभाग की ओर से 25 फ़ीसदी तक अनुदान और अन्य प्रकार की सहायता भी दी जाएगी. पर्यटन विभाग का प्रथम उद्देश्य यही है कि 2025 में लगने वाले महाकुंभ को भव्य और नव्य बनाया जाए. इसमें शामिल उद्यमियों को महाकुंभ में आने वाले अतिथियों के खान-पान, बैठने की सुविधा और स्वच्छता के उपाय को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, ताकि 2025 में लगने वाले इस महाकुंभ में किसी प्रकार की कमी ना रह जाए.

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