महाकुंभ 2025: कुंभ नगरी का नया स्वरूप

प्रयागराज, 22 अक्टूबर: महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज में तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। कुंभ नगरी और गंगा, यमुना तथा संगम के घाटों पर विकास और सौंदर्यीकरण के कार्य तीव्र गति से हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुसार, प्रयागराज को एक नया स्वरूप देने के लिए जिला प्रशासन और मेला प्राधिकरण तेजी से काम कर रहे हैं। सभी कार्यों को समय पर पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ, प्रशासन ने 15 नवंबर तक शहर में चल रहे कार्यों को और 15 दिसंबर तक मेला क्षेत्र के कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

गंगा का जल स्तर कम होते ही, घाटों और मेला क्षेत्र में समतलीकरण कार्य तेज हो गया है। पूरे मेला क्षेत्र में बिजली की व्यवस्था के लिए खंभे स्थापित किए जा रहे हैं, बिजली के तार खींचे जा रहे हैं और लाइटें लगाई जा रही हैं। परेड ग्राउंड में मेला प्राधिकरण के बड़े कार्यालय का निर्माण भी प्रारंभ हो चुका है। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस बल मेला क्षेत्र में तैनात किया जा चुका है और उनके लिए बैरकों का निर्माण हो गया है। पुलिस जवानों को मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने गंगा नदी पर पांटून पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जैसे-जैसे गंगा का जल स्तर घटता जाएगा, इन कार्यों में तेजी आएगी। फिलहाल ओल्ड जीटी रोड, गंगोली शिवालय मार्ग और हरिशचंद्र मार्ग पर पांटून पुलों का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। इस बार 30 पांटून पुल बनाए जाने की योजना है, जिससे श्रद्धालुओं का आवागमन सुगम हो सके।

शहर में वॉल पेंटिंग और चौराहों के सौंदर्यीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। प्रमुख सड़कों का पुनर्निर्माण हो रहा है और घाटों के आसपास की सड़कों को भी बनाया जा रहा है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े और आवागमन सुचारू बना रहे। मेला क्षेत्र में 4200 हेक्टेयर भूमि पर 10,000 से अधिक संस्थाएं अपने टेंट लगाएंगी और एक लाख से अधिक टेंट लगाए जाने की योजना है।

महाकुंभ के दौरान कल्पवासियों के लिए खाक चौक, दंडीबाड़ा, आचार्य बाड़ा, और प्रयागवाल क्षेत्रों में विशेष व्यवस्था की जाएगी। मेला अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सभी कार्य समय पर पूरे हों, ताकि महाकुंभ में आने वाले कल्पवासी, श्रद्धालु और पर्यटक किसी भी कठिनाई का सामना न करें। मुख्यमंत्री की इस मंशा के अनुरूप, मेला क्षेत्र में सभी कार्य तय समय सीमा से पहले समाप्त किए जाएंगे।

कुंभ नगरी का यह नया रूप प्रयागराज को एक आधुनिक, सुगम और सुंदर धार्मिक स्थल के रूप में प्रस्तुत करेगा, जहां श्रद्धालुओं को सुचारू व्यवस्था और सुरक्षा मिलेगी।

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