महाकुंभ 2025: 10 दिन में सजेगी कुम्भनगरी, तैयारियों का अंतिम दौर शुरू

सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा आयोजन
महाकुंभ, जो हर 12 वर्षों में प्रयागराज में आयोजित होता है, न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रतीक भी है। महाकुंभ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रयागराज दौरे के बाद मेले की तैयारियों को तीव्र गति से पूरा करने का निर्देश दिया गया है। आगामी 10 दिनों में कुम्भनगरी को सजाकर पूरी तरह तैयार किया जाएगा।


प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का प्रयागराज दौरा: तैयारियों को मिली गति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में प्रयागराज का दौरा किया और महाकुंभ 2025 के लिए 5500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री ने मेले की तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया और इसे ऐतिहासिक आयोजन बनाने के लिए सरकार और अधिकारियों की सराहना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को निर्देश दिया कि तैयारियों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।

उल्लेखनीय घोषणाएं:

  • महाकुंभ के लिए 5500 करोड़ रुपये की परियोजनाएं
  • सभी विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश
  • 10 दिनों में मेले का संपूर्ण क्षेत्र सजाने की योजना

मेला क्षेत्र में प्रमुख कार्य: तेज़ी से हो रहा निष्पादन

महाकुंभ मेले के लिए पूरे क्षेत्र को बड़े पैमाने पर सजाया और संवारा जा रहा है। इसके अंतर्गत विभिन्न बुनियादी ढांचा परियोजनाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं।

1. पांटून पुल निर्माण

पांटून पुल, जो मेला क्षेत्र में आवागमन का मुख्य साधन है, तेजी से तैयार किया जा रहा है। यह पुल श्रद्धालुओं को संगम और अन्य घाटों तक पहुंचने में सुविधा प्रदान करेगा। पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

2. चैनेलाइजेशन कार्य

संगम क्षेत्र में जल प्रवाह को नियंत्रित करने और घाटों को सुरक्षित बनाने के लिए चैनेलाइजेशन का कार्य किया जा रहा है। यह कार्य भी लगभग पूरा हो चुका है।

3. टेंट और आवासीय सुविधाएं

मेले में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी आवास और टेंट लगाए जा रहे हैं। इन टेंटों में आधुनिक सुविधाएं जैसे शौचालय, बिजली, और पानी की व्यवस्था की गई है।

4. लाइटिंग और सौंदर्यीकरण

मेला क्षेत्र को आकर्षक बनाने के लिए विशेष लाइटिंग और सजावट की जा रही है। प्रमुख स्थलों को रंगीन रोशनी और सजावटी डिजाइनों से सजाया गया है।

5. परिवहन और यातायात प्रबंधन

श्रद्धालुओं की भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए, परिवहन और यातायात प्रबंधन के लिए व्यापक योजनाएं बनाई गई हैं। पार्किंग स्थलों का निर्माण और सड़कों का विस्तार कार्य प्रगति पर है।


अधिकारियों को निर्देश: बिना रुके और थके करना होगा काम

मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अगले ढाई महीने तक बिना रुके और बिना थके कार्य करना होगा। उन्होंने जोर दिया कि सभी कार्यों को तय समयसीमा में पूरा करना ही प्राथमिकता है।

संबंधित विभागों की जिम्मेदारी

  • नगर विकास विभाग: सफाई, जल निकासी, और सड़कों की मरम्मत
  • ऊर्जा विभाग: बिजली आपूर्ति और लाइटिंग व्यवस्था
  • पर्यटन विभाग: पर्यटकों के लिए विशेष गाइड और सहायता केंद्र
  • स्वास्थ्य विभाग: अस्थायी अस्पताल और एंबुलेंस सेवाएं

आगामी 10 दिनों की कार्य योजना

प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के दौरे के बाद अधिकारियों ने एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है, जिसमें अगले 10 दिनों में निम्नलिखित कार्य पूरे करने का लक्ष्य है:

  1. पांटून पुल का पूर्ण निर्माण
  2. चैनेलाइजेशन कार्य का समापन
  3. सभी टेंटों की स्थापना और सुविधा सुनिश्चित करना
  4. सड़कें, पार्किंग और यातायात प्रबंधन का परीक्षण
  5. स्वास्थ्य सुविधाओं और आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था

मेले की विशेषताएं: सनातन संस्कृति का भव्य प्रदर्शन

महाकुंभ 2025 में भारत की सनातन संस्कृति और परंपराओं का भव्य प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें कई सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

धार्मिक आयोजन:

  • गंगा स्नान
  • यज्ञ और प्रवचन
  • संत समागम

सांस्कृतिक गतिविधियां:

  • लोक नृत्य और संगीत
  • पारंपरिक शिल्प प्रदर्शन
  • योग और ध्यान शिविर

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महाकुंभ का प्रचार

महाकुंभ 2025 को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भव्य बनाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

प्रमुख प्रयास:

  • ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा
  • बहुभाषी सहायता केंद्र
  • अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधा कनेक्शन

ऐतिहासिक आयोजन की ओर बढ़ते कदम

महाकुंभ 2025 का आयोजन भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का सबसे बड़ा संगम होगा। सरकार और अधिकारियों की तत्परता इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। अगले 10 दिनों में कुम्भनगरी को संवारने का लक्ष्य न केवल प्रशासनिक कुशलता को प्रदर्शित करता है, बल्कि श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय अनुभव सुनिश्चित करेगा।

TOP

You cannot copy content of this page