प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ 2025 को सुरक्षा की दृष्टि से सफल बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कड़े इंतजाम किए हैं। इस महायोजना में देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जल पुलिस, पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल), एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), और एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) समेत अन्य कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं।
इस बार जल सुरक्षा के लिए खासतौर पर 220 हाईटेक डीप डाइवरों की तैनाती की गई है, जो 24 घंटे अलर्ट मोड में रहेंगे। ये डीप डाइवर 700 नावों पर सवार होकर संगम और अन्य स्नान घाटों पर निगरानी करेंगे। इसके साथ ही गोवा, कोलकाता, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों से सबसे अनुभवी जल पुलिस के जवान प्रयागराज बुलाए गए हैं।
स्थानीय गोताखोरों का भी लिया जा रहा सहयोग
स्थानीय गोताखोरों, विशेष रूप से केवट समुदाय के लोगों का भी इस महाकुंभ में सहयोग लिया जा रहा है। इनकी खासियत यह है कि ये बिना किसी गैस सिलेंडर की सहायता के 40 फीट गहराई तक जा सकते हैं, जो आपात स्थिति में बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में हाईटेक डीप डाइवरों और स्थानीय गोताखोरों का संयुक्त दल महाकुंभ में तैनात रहेगा।
सुरक्षा बलों की मजबूत तैनाती
महाकुंभ के दौरान पीएसी की 10 कंपनियां, एनडीआरएफ की 12 कंपनियां और एसडीआरएफ की 6 कंपनियां तैनात रहेंगी। इन सभी सुरक्षा बलों को विषम परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह प्रशिक्षित किया गया है। ये टीमें 24 घंटे की निगरानी के साथ किसी भी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम होंगी।
घाटों की सुरक्षा में 340 एक्सपर्ट्स करेंगे पल-पल की निगरानी
इस महाकुंभ में भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 340 विशेषज्ञों की भी तैनाती की गई है। ये विशेषज्ञ स्नान घाटों पर लगातार भीड़ की गतिविधियों पर नजर रखेंगे और जरूरत पड़ने पर आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे। साथ ही, एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, जहां से घाटों की स्थिति पर सीधी निगरानी की जाएगी।
200 से अधिक स्थानीय लोग सुरक्षा व्यवस्था में करेंगे सहयोग
सुरक्षा की इस कड़ी में स्थानीय लोगों का भी योगदान लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया है, जिसके तहत 200 से अधिक स्थानीय लोगों को जल पुलिस में प्रशिक्षित किया गया है। ये स्थानीय जवान महाकुंभ में आने वाले संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा में सहायता करेंगे और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने में सहायक होंगे।
24 घंटे सुरक्षा और आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
महाकुंभ 2025 के दौरान 24 घंटे सुरक्षा व्यवस्था को सक्रिय रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में सरकार हर आपात स्थिति से निपटने के लिए एक्शन मोड में है। सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं, सुरक्षा बलों के साथ मिलकर महाकुंभ को एक सुरक्षित और सफल आयोजन बनाने की दिशा में कार्य कर रही हैं।
इस बार जल और थल दोनों पर सुरक्षा को लेकर असाधारण तैयारी की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को बिना किसी चिंता के अपने धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लेने का अवसर मिल सके। महाकुंभ में तैनात ये टीमें न केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी, बल्कि दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन को सुरक्षित और सुचारू रूप से संपन्न करने में अहम भूमिका निभाएंगी।