महाकुम्भ 2025: मकर संक्रांति पर संगम पर आस्था की डुबकी और जनता का विराट रूप-उमा भारती

महाकुम्भ नगर, 14 जनवरी।
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर महाकुम्भ 2025 में श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब त्रिवेणी संगम पर उमड़ पड़ा। करोड़ों लोगों ने आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया और इस भव्य आयोजन ने अध्यात्म, समर्पण और सामूहिकता का अद्वितीय संदेश दिया। इस अवसर पर पूर्व सांसद साध्वी उमा भारती ने श्रद्धालुओं के इस विराट रूप को अपने लौकिक जीवन का सबसे अनूठा क्षण बताया। उन्होंने इसे महाभारत में अर्जुन द्वारा देखे गए श्रीकृष्ण के विराट रूप से तुलना करते हुए कहा कि संगम पर स्नान कर रही जनता का यह रूप अद्भुत और दिव्य है।

उमा भारती का आध्यात्मिक अनुभव

उमा भारती ने अपने एक्स हैंडल पर अपने अनुभव साझा करते हुए लिखा, “प्रभु श्रीकृष्ण का जैसा विराट रूप अर्जुन ने देखा, वैसा ही जनता जनार्दन का विराट रूप संगम पर स्नान करते हुए मैंने देखा।” उन्होंने कहा कि संगम पर करोड़ों नर-नारियों के रूप में जैसे नारायण स्वयं डुबकियां लगा रहे हों। उनका यह आध्यात्मिक अनुभव सभी के लिए प्रेरणादायक है और महाकुम्भ के महत्व को और भी गहराई से समझने का अवसर देता है।

योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना

महाकुम्भ 2025 के आयोजन में उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन की कुशल व्यवस्था ने श्रद्धालुओं का दिल जीत लिया। उमा भारती ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम की सराहना करते हुए कहा, “सजग और सावधान योगी जी की सरकार का प्रशासन एवं पुलिस नतमस्तक भाव से सबकी सेवा में रत है।” उन्होंने न केवल सरकार के प्रयासों की प्रशंसा की, बल्कि पुलिस और प्रशासन के कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस विशाल आयोजन को सफल और सुव्यवस्थित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महाकुम्भ 2025: आध्यात्मिकता और प्रबंधन का संगम

महाकुम्भ में उमड़ी करोड़ों की भीड़ ने आध्यात्मिकता, श्रद्धा और भक्ति का भव्य दृश्य प्रस्तुत किया। योगी सरकार ने इस अवसर को श्रद्धालुओं के लिए यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रशासन ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया, बल्कि यातायात, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा। हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए की गई व्यवस्थाएं आयोजन की सफलता का प्रमुख आधार रहीं।

भक्ति और सेवा का संगम

महाकुम्भ 2025 केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और समर्पण का प्रतीक बन गया है। उमा भारती के शब्दों में, यह आयोजन जनता जनार्दन के विराट रूप का दर्शन कराने के साथ-साथ सरकार और समाज के समन्वय का उत्तम उदाहरण है।

मकर संक्रांति पर महाकुम्भ 2025 ने त्रिवेणी संगम पर आस्था की अद्भुत तस्वीर पेश की। करोड़ों श्रद्धालुओं की सहभागिता और योगी सरकार की उत्कृष्ट व्यवस्था ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। यह महाकुम्भ केवल आध्यात्मिकता का प्रतीक नहीं, बल्कि कुशल प्रबंधन और सेवा भावना का आदर्श उदाहरण है।

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