अपनी अनूठी कलाकृतियों और आध्यात्मिक साधना की बदौलत न सिर्फ काशी में अपितु सम्पूर्ण भारत भूमि में प्रसिद्धि को प्राप्त हो रहे वाराणसी के उमरहाँ स्थित स्वर्वेद महामंदिर धाम पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आकर दर्शन लाभ प्राप्त करने के साथ ही साथ विहंगम योग की साधना पद्धति से जुड़कर आत्म-कल्याण के मार्ग पर अग्रसर हो रहे हैं। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगू भाई पटेल ने शुक्रवार को प्रातः 10 : 30 बजे स्वर्वेद महामंदिर धाम पहुंचकर दर्शन किया।
महामंदिर धाम पर सद्गुरु सदाफलदेव आप्त वैदिक गुरुकुलम् के वैदिक बटुकों ने शंख ध्वनि और वैदिक मंगलाचरण के द्वारा उनका भव्य-स्वागत किया। तत्पश्चात उन्होंने विहंगम योग के प्रणेता अनंत श्री सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज के दिव्यमूर्ति पर पुष्पार्पण कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
महामंदिर पर उत्कीर्ण स्वर्वेद के दिव्य दोहों और सुन्दर कलाकृतियों के साथ ही साथ वेद, उपनिषद, रामायण, गीता, महाभारत आदि के दिव्य आध्यात्मिक प्रसंगों का अवलोकन कर वे भाव विभोर हो उठे और उन्होंने महामंदिर के दुर्लभ कलाकृतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की।
महामंदिर दर्शन के पश्चात् सुपूज्य संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज ने राज्यपाल महोदय को स्वर्वेद महामंदिर की प्रतिकृति प्रदान की।
तत्पश्चात राज्यपाल महोदय संत प्रवर श्री विज्ञान देव जी महाराज के पावन निर्देशन में संचालित सद्गुरु सदाफल देव आप्त वैदिक गुरुकुलम् पहुंचे, जहाँ पुनः गुरुकुलम् के छात्रों द्वारा राज्यपाल महोदय का शंख ध्वनि तथा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्वागत किया गया।
गुरुकुलम् के संक्षिप्त कार्यक्रम में छात्रों द्वारा वेदमंत्र, श्लोकपाठ और विहंगम योग के प्रणेता महर्षि सदाफल देव जी महाराज द्वारा रचित आध्यात्मिक भजन “बन्दे जागु रे भई देर” की मनमोहक प्रस्तुति की गयी। बच्चों द्वारा की गयी सुन्दर प्रस्तुति से भाव-विभोर हो राज्यपाल महोदय ने कुछ बच्चों को शाल और पुष्प-गुच्छ प्रदान कर सम्मानित भी किया।
लगभग डेढ़ घंटे तक राज्यपाल महोदय स्वर्वेद महामंदिर धाम और सद्गुरु सदाफल देव आप्त वैदिक गुरुकुलम् में रहने के पश्चात् अपने अन्य कार्यक्रमों के लिए प्रस्थान कर गए।