अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह आश्रम में मनाया गया लोलार्क षष्ठी पर्व, अघोरेश्वर भगवान राम जी की 88वीं जयंती का शुभारम्भ

वाराणसी(काशीवार्ता)।अघोर पीठ, श्री सर्वेश्वरी समूह संस्थान देवस्थानम्, अवधूत भगवान राम कुष्ठ सेवा आश्रम, पड़ाव, वाराणसी में अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम जी के जन्म षष्ठी (लोलार्क षष्ठी) पर्व भक्तिमय वातावरण में मनाया गया। इस पर्व का आयोजन संस्था के अध्यक्ष औघड़ गुरुपद संभव राम जी के सान्निध्य में किया गया। इसके साथ ही परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी की 88वीं जयंती के दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारम्भ भी हुआ।

इस पावन अवसर पर, प्रातःकालीन सफाई श्रमदान के बाद सुबह 8:00 बजे पूज्यपाद बाबा गुरुपद संभव राम जी ने महाराजश्री बाबा कीनाराम जी की प्रतिमा का विधिवत् पूजन किया। इसके बाद अघोर शोध संस्थान के निदेशक डॉ० अशोक कुमार सिंह जी द्वारा सफलयोनि का पाठ किया गया। इस विधि के उपरांत पूज्य बाबा गुरुपद संभव राम जी ने आश्रम के उपासना स्थल चिरकुट देवी विहार में हवन-पूजन किया। पूजन के पश्चात्, बाबा ने देवी मंदिर की पञ्च परिक्रमा करते हुए दो दिनों तक चलने वाले अखंड संकीर्तन “अघोरान्ना परो मन्त्रः नास्ति तत्वं गुरोः परम्” का विधिवत शुभारम्भ किया।

संस्था के इस महत्वपूर्ण आयोजन में देश के विभिन्न प्रान्तों से संस्था के सदस्य, भक्तगण एवं श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पर्व के इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गहन भक्ति के साथ महाराजश्री बाबा कीनाराम जी को नमन किया और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति की।

अघोराचार्य महाराजश्री बाबा कीनाराम जी का यह जन्मोत्सव अघोर परम्परा के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। बाबा कीनाराम जी को अघोर पंथ का संस्थापक माना जाता है, और उनके योगदान को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल लोलार्क षष्ठी के दिन विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

भाद्र शुक्ल सप्तमी, तदनुसार मंगलवार 10 सितम्बर 2024 को परमपूज्य अघोरेश्वर भगवान राम जी की 88वीं जयंती बड़े धूमधाम और भक्तिपूर्ण वातावरण में मनाई जाएगी। इस आयोजन में देश-विदेश से श्रद्धालु और भक्त शामिल होंगे। इस जयंती पर्व के दौरान विविध आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भजन-कीर्तन, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख रहेंगे।

आश्रम प्रांगण को विशेष रूप से सजाया गया है, और आने वाले भक्तों के लिए भोजन एवं ठहरने की विशेष व्यवस्था की गई है। सभी भक्तगण इस पावन अवसर पर भाग लेकर अघोर पंथ की साधना और उपदेशों का अनुभव कर सकेंगे।

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