बिहार के गोपालगंज जिले में हाल ही में पुलिस ने रेडियोएक्टिव पदार्थ ‘कैलिफोर्नियम’ की बड़ी मात्रा जब्त की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 850 करोड़ रुपए बताई जा रही है। कैलिफोर्नियम एक अत्यंत दुर्लभ और महंगा रेडियोएक्टिव तत्व है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से परमाणु हथियारों, परमाणु रिएक्टरों और कुछ वैज्ञानिक अनुसंधानों में किया जाता है। यह दुनिया की दूसरी सबसे महंगी वस्तु मानी जाती है, जिसकी कीमत और उपयोग इसे अवैध व्यापारियों के लिए एक आकर्षक वस्तु बनाता है।
गोपालगंज पुलिस ने इस मामले में तीन अभियुक्तों – छोटेलाल, चंदन गुप्ता और चंदनराम – को गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ की जा रही है कि यह पदार्थ कहां से आया और इसे कहां ले जाया जा रहा था। इस प्रकार की घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय हैं, क्योंकि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पहुंचा सकता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुरक्षा और शांति के लिए चुनौती बन सकता है।
यह मामला इस बात को भी उजागर करता है कि अवैध व्यापार और तस्करी के नेटवर्क कितने गहरे हो सकते हैं, जो इस प्रकार के खतरनाक और प्रतिबंधित पदार्थों की आवाजाही में शामिल होते हैं। इस घटना ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है कि इस प्रकार के खतरनाक पदार्थों की तस्करी को रोका जाए। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए ताकि इस नेटवर्क के पीछे के असली दोषियों को पकड़ा जा सके और कानून के दायरे में लाया जा सके। इससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे को कम किया जा सकेगा।