वाराणसी (काशीवार्ता)। काशी की आर्या झा व्लादिवोस्तोक, रूस में आयोजित ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुई।
आर्या झा 3 से 6 सितंबर को रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित हो रहे रॉस कांग्रेस और फ्रैंड्स ऑफ लीडरशिप फॉर ईस्टर्न इकनॉमिक फोरम में भारतीय प्रतिनिधि के रूप मे हिस्सा लेंगी।
इससे पूर्व आर्या ने वाई-20 में सेक्रेटरी (कम्युनिकेशन) के रूप मे अपनी सफल भूमिका निभाई और सतत विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने मे उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। भारत मे अध्ययन के लिए आने वाले विदेशी छात्रों के लिए वे प्रेरणास्रोत हैं। भारतीय संस्कृति से परिचय करवाने के लिए आर्या झा निरंतर विदेशी छात्रों के मध्य प्रयत्नशील रहती हैं। उनका मानना है कि पृथ्वी हम सभी की है इसलिए उसका शोषण और दोहन नहीं संरक्षण करना आवश्यक है। जल, थल और वायु को हमे अपने उपभोग पर नियंत्रण कर बचाना होगा। मानवता की रक्षा के लिए वसुधा को कुटुंब मानते हुए जैविक और प्राकृतिक विकास के बारे मे सोचना और महात्मा वुद्ध व गांधी जी की शिक्षा को हमे अपनाना होगा। पूर्वाग्रह से ग्रसित हुए बिना एकजुटता ही इस धरती को बचाएगी। आर्या आईआईएमसी की पूर्व छात्रा रही हैं काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक की शिक्षा ग्रहण की है। आर्या की मां जेएनयू में भारतीय भाषा केंद्र में प्रोफेसर है व पिता समाजशास्त्रीय चिंतक हैं। प्रयोग और पुर्नप्रयोग को बढावा देनेवाली आर्या भारतीय संस्कृति और परंपराओं की प्रकृति और प्रवृत्ति को महत्वपूर्ण मानती हैं। आर्या की यात्रा सतत विकास की दिशा मे युवाओं को प्रेरित करेगी।