वाराणसी। मोहर्रम की तैयारियां अंतिम चरण में है। सोमवार से मजलिसे शुरू होंगी और अजाखाने सजा दिए जाएंगे, ये जानकारी हिजरी वर्ष 1445 के आखिरी महीने के आखिरी जुमे को शिया जमा मस्जिद के प्रवक्ता सैयद फरमान हैदर ने दी। उन्होंने बताया कि देश और दुनिया के साथ बनारस में भी कर्बला के72 शहीदों को खेराजे अकीदत पेश करने के लिए तैयारियां तेज हो चली हैं। शहर की 28 अंजुमने सोमवार को अपने अपने इलाके में इस्तेकबाल-ए-अजा की मजलिसे आयोजित करेंगी।
इस दौरान हर घर से या हुसैन, या हुसैन की सदाएं गूंजने लगेगी। उन्होंने बताया की सोमवार से शिया समुदाय के लोग किसी भी खुशी का आयोजन नहीं करेंगे। दो महीना 8 दिन तक कर्बला के शहीदों और कर्बला के असीरो का गम मनाया जाएगा। इमाम हुसैन के नाम से धर्म और मजहब की सभी हदें समाप्त हो जाती हैं। सभी मजहब के लोग इमाम हुसैन को अकीदत की नज़र से याद करते हैं। इमाम हुसैन का बनारस में भव्य रोजा दरगाहे फातमान लल्लापुरा, सदर इमामबाड़ा लाट सरय्या में स्थित है।
उन्होंने एक बार फिर प्रशासन से अपील की है साफ सफाई , बिजली, पानी आदि की व्यवस्था सुचारू रूप से की जाए। इस सिलसिले से पहली मुहर्रम को सायंकाल ४ बजे पहला जुलूस सदर इमामबाड़े में निकाला जाएगा जो कैंपस में ही समाप्त होगा।