वाराणसी -(काशीवार्ता) -महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ को राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) से ‘बी प्लस’ ग्रेड मिलने के बाद ‘सी गेड’ का दाग धुल गया है। वहीं काशी विद्यापीठ ‘बी प्लस’ ग्रेडिंग से असंतुष्ट है।विद्यापीठ प्रशासन का मानना है कि नैक की पीयर टीम ने ‘सी ग्रेड’ की मानसिकता से विश्वविद्यालय का मूल्यांकन किया। यही कारण है कि सभी सात क्राइटेरिया में एक-एक अंक कम कर दिया है। पहले व दूसरे क्राइटेरिया तीन-तीन अंक के स्थान पर दो-दो अंक दिए गए हैं। इसी
प्रकार सात नंबर के क्राइटेरिया चार के स्थान पर पीयर टीम ने तीन अंक दिया है। इसे देखते हुए 15 दिनों के भीत नैक में अपील करने का निर्णय लिया है।विश्वविद्यालय के रैंकिंग एवं एक्रिडिटेशन सेल के निदेशक प्रो. मो. आरिफ ने बताया कि जिन खामियों के कारण वर्ष 2018 में विश्वविद्यालय को ‘सी ग्रेड’ मिला था। इस बार उसे अपग्रेड कर लिया गया है। इस क्रम में लैब, लाइब्रेरी, रिसर्च सहित अन्य सभी प्वाइंटों पर बेहतर कार्य किया गया। इसके अलावा इस बार एसटीपी व ग्रीन आडिट भी कराई गई थी।