वाराणसी(काशीवार्ता)। शहर के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाएं उन्हें स्थानीय स्तर पर लोगों से बातचीत कर तैयार करने के बाद अमल में लाना चाहिए। अन्यथा, ऐसी विकास योजनाओं में केवल जनता के धन का अपव्यय ही होगा। यह बातें आज कैंटोमेंट क्षेत्र में स्थित एक होटल में टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन एवं नगर निगम के तत्वावधान में आयोजित सस्टेनेबल सिटीज चैलेंज कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर महापौर अशोक तिवारी ने कहीं।
दीप प्रज्जवलन महापौर, नगर आयुक्त अक्षत वर्मा, वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग, संस्था के संजय गुलाटी व प्रोग्राम डायरेक्टर परस गनेश ने किया। महापौर ने कहा कि वर्ष 2014 के पहले शहर में इलेक्ट्रानिक सिग्नल प्रणाली नहीं थी, जिसे बाद में चालू किया गया। उनका कहना था कि काशी में प्रतिदिन डेढ़ लाख पर्यटक आते हैं। आज स्थिति धीरे-धीरे नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। आज आवश्यकता है कुछ करने की। शहर में जितने भी आटो, ई-रिक्शा चलती है, इनका रूट तय होना चाहिए।
क्योंकि, ट्रैफिक का सबसे ज्यादा दबाव लक्सा, मैदागिन, काल भैरव क्षेत्र में ज्यादा दिखाई देता है। व्यापारियों और स्थानीय निवासियों से सलाह लेकर समस्या का समाधान हमें ढूंढना चाहिए। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने कहा कि हमारे लिए गर्व की बात है कि विश्व के तीन शहर अमेरिका, इटली के बाद भारत को टोयोटा मोबिलिटी फाउंडेशन द्वारा चुना गया और उसमें वाराणसी का चयन हुआ। उन्होंने बताया कि काशी की मूलभूत सुविधाओं, विशेष रुप से काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए क्या उचित सुविधा उपलबध कराई जायेगी इस पर 3 मिलियन डॉलर अर्थात 25 करोड़ रुपये संस्था द्वारा खर्च किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि संस्था निगम को पैसा नहीं देगी, वह अपने एक्सपर्टों के माध्यम से तकनीकी दृष्टि से समस्या का समाधान ढूंढकर निकालेगी, जिसके बाद उस पर काम होगा। उनका कहना था कि संस्था द्वारा 2 किमी क्षेत्र में सर्वेकर एक प्लान तैयार किया जायेगा, जिससे विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसी क्रम में संस्था के कार्यक्रम निदेशक परस गनेश ने कहा कि संस्था तकनीकी, पार्टनरशिप और जन सहभागिता के आधार पर समस्या का समाधान कराना चाहती है, जिसमें सबका सहयोग लिया जायेगा।
इसके लिए संस्था साइड पर जाकर काम करेगी। वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने शहर के विकास में अपनी भूमिका पर वचनबद्धता को दोहराया और संस्था को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर अपर नगर आयुक्त दुष्यंत मौर्य, सहायक नगर आयुक्त मनोज तिवारी, अमित शुक्ला, संजय तिवारी सहित कई विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
सिगरा स्टेडियम के निर्माण पर उठाये सवाल
सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च करके सिगरा स्टेडियम के निर्माण पर महापौर अशोक तिवारी ने कई सवालिया निशान लगाये। स्मार्ट सिटी के कार्यों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि पहले लोग योगा, व्यायाम करते थे, आज उनके लिए कोई जगह नहीं है। स्टेडियम में सात लॉन टेनिस, हॉकी, क्रिकेट, वालीबॉल स्टेडियम बना दिया गया है। इसकी क्या आवश्यकता थी। एसी बास्केटबाल कोर्ट में गरीब लड़के कैसे टिकट लेकर जायेंगे। स्टेडियम का निर्माण व्यवहारिक तौर पर जन सहभागिता के आधार पर नहीं किया गया। स्मार्ट सिटी ने इसके लिए स्थानीय स्तर पर किसी से कोई सलाह नहीं ली।