वाराणसी (काशीवार्ता)।बुधवार को रतजग्गा के मौके पर जलेबा का आनंद पूरे आनन्द के साथ लिया गया। शहर भर के हर मुहल्ले, गली और चौराहों पर जलेबा की दुकानें सज गईं, जहां शाम होते ही भीड़ उमड़ पड़ी। जलेबे की खुशबू लोगों को आकर्षित कर रही थी और हर कोई इसका भरपूर स्वाद लेने के लिए पहुंच रहा था।
बनारस में बुधवार को जलेबा 140 रुपये से लेकर 180 रुपये किलो तक बिक रहा था। काशी में रतजग्गा पर जलेबा खाने की परंपरा सदियों पुरानी है, और इसे कजरी गाने के साथ जोड़ा जाता है। इस परंपरा के अनुसार, कजरी तीज के एक दिन पूर्व जलेबा का सेवन किया जाता है।
दोपहर से ही शहर भर में मिठाई की दुकानों पर जलेबा बनाने की तैयारियां शुरू हो गई थीं। शाम तक दुकानों पर जलेबा सजा और बिक्री शुरू हो गई। देखते-ही-देखते दुकानों पर भारी भीड़ जुट गई, जिसमें महिलाएं, बच्चे और पुरुष सभी शामिल थे। दुर्गाकुंड, अस्सी, भेलूपुर, सिगरा, लंका, गोदौलिया, दशाश्वमेधघाट, चौक, मैदागिन, कबीरचौरा, लहुराबीर, राजघाट, प्रहलादघाट, पांडेयपुर, भोजूबीर और तेलियाबाग समेत कई इलाकों में रात तक जलेबा की खरीदारी चलती रही।
हालांकि रतजग्गा पर्व पर कजरी गानों की गूंज अब नहीं सुनाई देती, लेकिन जलेबा की धूम पूरे शहर में रही। हलवाइयों की परमानेंट दुकानों के अलावा अस्थायी दुकानों पर भी जलेबा की बिक्री हुई। बड़े-बड़े जलेबे सजावट के लिए दुकानों पर लटकाए गए थे, और लोगों ने भरपूर आनंद लिया।