इसरो अध्यक्ष ने की मुख्यमंत्री से मुलाकात, राज्य के लिए समर्पित उपग्रह की संभावनाओं पर हुई चर्चा

-मुख्यमंत्री आवास पर हुई शिष्टाचार भेंट में डॉ. वी. नारायणन संग कई महत्वपूर्ण विषयों पर हुई बातचीत

-रिमोट सेंसिंग तकनीकों व राज्य के लिए पृथक उपग्रह की संभावनाओं को लेकर भी हुई चर्चा

-प्रदेश में सालाना बिजली गिरने से हो रही मौतों को लेकर मुख्यमंत्री ने जताई चिंता

-राज्य के लिए पृथक उपग्रह से मिलेगा मौसम की चेतावनी का पूर्व संकेत, कई मायनों में होगा मददगार

लखनऊ, 07 जुलाईः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एवं भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ. वी. नारायणन ने सोमवार को मुलाकात की। इस शिष्टाचार भेंट में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इस दौरान राज्य के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीकों के माध्यम से विकास की नई संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

इस दौरान इसरो अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को रिमोट सेंसिंग क्षेत्र में अब तक हुई प्रगति और उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौसम पूर्वानुमान, वन और हरित क्षेत्र की निगरानी, भूजल प्रोफाइल, मानचित्रण और जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर पहले से ही व्यापक कार्य हो चुका है।

पृथक उपग्रह के विकास की संभावनाओं पर चर्चा, जनहानि रोकने में होगा प्रभावी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में आकाशीय बिजली से हो रही जनहानि पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश के लिए पृथक उपग्रह विकसित किया जाए, जो विशेष रूप से आकाशीय बिजली की पूर्व चेतावनी देने में सक्षम हो।

मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में राज्य में बिजली गिरने की घटनाओं में औसतन 300 लोगों की मृत्यु हुई है। ऐसे में प्रदेश में आपदा जनित जनहानि को रोकने में यह अत्याधुनिक तकनीक प्रभावी सिद्ध हो सकती है। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर इसरो अध्यक्ष डॉ. नारायणन ने आश्वस्त किया कि वे इस विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे और शीघ्र ही इसका ठोस समाधान निकालने की दिशा में कार्य करेंगे।

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