बनारस में 65% होटल बिना लाइसेंस केपर्यटन विभाग व एलआईयू की जांच में खुलासा

ज्यादातर जिस्मफरोशी से जुड़े मामले इन्हीं होटलों में

विनय पांडेय
वाराणसी(काशीवार्ता)। बनारस में वर्ष 2022 के शुरूआती महीने से पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि होनी शुरू हुई, जो 2024 आते आते रिकॉर्ड तोड़ने लगी। इसके चलते यहां सैकड़ों की तादात में होटल, गेस्ट हाउस और पेइंग गेस्ट खुल गए, जहां आॅफ सीजन में होती है गंदी बात। दरअसल, शिवदासपुर स्थित रेड लाइट एरिया के उजड़ने के बाद जिस्मफरोशी का धंधा छोटे मोटे होटलों में चल रहा था। जिसे अब कई नया ठिकाना मिल चुका है, जिसकी भनक पर्यटन विभाग को लग गई। विभाग ने गोपनीय जांच कर एक रिपोर्ट तैयार की। जिसमे उल्लेख किया गया कि सिगरा, भेलूपुर, लंका, दशाश्वमेध, चौक और रामनगर थाना क्षेत्रों में होटल, गेस्ट हाउस और पेइंग गेस्ट हाउसों में इन दिनों जिस्मफरोशी का धंधा खूब फल फूल रहा है। पर्यटन विभाग की जांच में एक और बात पता चली कि 65 फीसदी से अधिक होटल के पास लाइसेंस तक नहीं हैं। लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की जांच में भी इसकी पुष्टि हुई है। सूत्रों ने बताया कि जांच में पता चला था परेड कोठी, इंग्लिशिया लाइन, रोड़वेज, विजया नगरम मार्केट सहित कई अन्य इलाकों में 50 से ज्यादा गेस्ट हाउस और होटल बगैर लाइसेंस के चल रहे हैं। इसकी रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंप दी गई है, लेकिन अब तक इस मामले में कोई मुकम्मल कार्रवाई नहीं हुई।
हाईटेक होता जिस्म का धंधा
बदलते दौर के साथ जिस्मफरोशी का धंधा भी अपडेट होता गया। एक समय था जब शिवदासपुर में रेड लाइट एरिया आबाद था। समय के साथ वह उजड़ गया। इसका मतलब यह नहीं कि जिस्मफरोसी बंद हो गई। डिजिटल होते दौर में ये धंधे भी हाईटेक हो गये। रेड लाइट एरिया की गलियों से निकलकर ये कारोबार चमचमाते होटलों तक पहुंच गया। जहां इसके लिए मोटी रकम वसूल की जाती है। वैसे मसाज पार्लर, ब्यूटी पार्लर की आड़ में भी यह धंधा खूब पनपा। यहां बुकिंग के लिए वाट्सअप के जरिये चैटिंग होती है। इसके मजे हुए खिलाड़ी होते हैं, जो ग्राहक फँसाते हैं और फिर आगे की सेटिंग कराते हैं।
सराय एक्ट में रजिस्ट्रेशन जरुरी
सराय एक्ट की 1967 की धारा तीन के तहत होटल, गेस्ट हाउस, सराय और प्रतिष्ठान जहां यात्री विश्राम के लिए भुगतान के आधार पर ठहर सकते हैं, ऐसे सभी प्रतिष्ठानों का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य है। यदि कोई भी होटल या प्रतिष्ठान इसका पालन नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ दंडनीय कार्रवाई का प्रावधान है।

TOP

You cannot copy content of this page