स्टोर इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश, मंत्री जयवीर सिंह के निरीक्षण में डीडीयू अस्पताल में मिली खामियां

वाराणसी। प्रदेश के पर्यटन मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने आज पं.दीनदयाल उपाध्याय राजकीय अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जिलाधिकारी एस.राजलिंगम, सीडीओ हिमांशु नागपाल के साथ सीएमओ कार्यालय के अधिकारी मौजूद रहे। हालांकि मंत्री के निरीक्षण की जानकारी अस्पताल प्रशासन को पहले ही हो गई थी। जिससे अस्पताल की व्यवस्था चाकचौबंद करने के सारे प्रयास किये गए थे। बावजूद इसके मंत्री जयबीर सिंह के निरीक्षण के दौरान अनेकों कमियां पाई गईं। मंत्री ने अस्पताल में बने दवा स्टोर के निरीक्षण के दौरान अनेकों कमियां पाई गई। स्टोर रजिस्टर में स्टॉक में दर्ज दवाओं व मौजूद दवाओं का मिलान करने पर मिलान नहीं हो सका। मौजूद दवा पर एमआरपी लिखी हुई थी और उस पर सरकारी आपूर्ति की मोहर नहीं लगा था। जिसपर मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए दवा को सैम्पल के रूप में लिया। तत्पश्चात प्रभारी मंत्री ओपीडी में पहुंचे और वहां मौजूद मरीजों से पूछा कि बाहर की दवाएं तो डॉक्टर नहीं लिखते हैं। इस पर एक महिला मरीज ने बताया कि बाहर की दवा लिखी जाती है। आज डॉक्टर ने बाहर की दवा नहीं लिखी है इस पर मंत्री ने कहा कि किस डॉक्टर को दिखाती हैं तो उसने डॉ.पी.के.सिंह का नाम बताया। कहा एक मेडिकल स्टोर का भी नाम बताया जाता है। यह सुन मंत्री ने तत्काल जिलाधिकारी से जांच कराकर कार्रवाई करने को कहा। जिलाधिकारी ने जांच एसीएम तृतीय से जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा। अस्पताल कर बाहर नगर निगम की जमीन पर बनी अवैध दुकानों की बात संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी ने नगर निगम को कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता के दौरान प्रभारी मंत्री ने कहा कि अस्पताल के स्टोर में कमी के साथ ही जो भी अन्य कमियां पाई गई हैं उनपर कार्रवाई अवश्य होगी। एसीएम की जांच रिपोर्ट आने के बाद जिन चिकित्सकों की शिकायत है उनपर व जांच के दौरान कार्रवाई करने के साथ ही जांच के दौरान कार्य मे लापरवाही पाए जाने पर स्टोर इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। इसके पश्चात प्रभारी मंत्री कैंट थाने का निरीक्षण करने निकल गए। अस्पताल में रेडियालॉजिस्ट डा. रविकांत ओझा को ज्वाइन न कराये जाने की बात प्रभारी मंत्री को बताये जाने पर उन्होंने निर्देश दिया कि यदि आदेश है तो उन्हें तत्काल ज्वाइन कराया जाये।

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