काशीवार्ता न्यूज़।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट में “सेमीकॉन इंडिया 2024” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम न केवल देश के लिए बल्कि वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए भी काम करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में सेमीकंडक्टर का मतलब सिर्फ तकनीक नहीं है, बल्कि यह करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक माध्यम है।
मोदी ने कहा कि सरकार ने सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत सेमीकंडक्टर उत्पादन और सप्लाई चेन को 360-डिग्री एप्रोच के साथ आगे बढ़ा रहा है और सरकार इस क्षेत्र में सभी जरूरी कदम उठा रही है।
सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए छात्रों और पेशेवरों की तैयारी
पीएम मोदी ने भारत के छात्रों और पेशेवरों को सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के लिए तैयार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और आरएंडडी विशेषज्ञों की सेमीकंडक्टर वर्कफोर्स तैयार कर रहा है। हाल ही में नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की बैठक हुई, जिससे भारत के रिसर्च इकोसिस्टम को नई दिशा और ऊर्जा मिलेगी।
भारत का 500 बिलियन डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर लक्ष्य
मोदी ने कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से भी अधिक का हो चुका है और सरकार का लक्ष्य है कि इस दशक के अंत तक इसे 500 बिलियन डॉलर तक पहुँचाया जाए, जिससे 60 लाख नई नौकरियाँ सृजित होंगी। भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग को इसका सीधा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर चिप्स ही नहीं बल्कि उनसे बने फिनिश्ड गुड्स भी बनाएगा।
क्रिटिकल मिनरल्स और सिलिकॉन डिप्लोमेसी
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि क्रिटिकल मिनरल्स के लिए भारत सरकार ने “क्रिटिकल मिनरल मिशन” शुरू किया है। इसके तहत घरेलू उत्पादन और ओवरसीज एक्विजिशन के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सिलिकॉन डिप्लोमेसी के युग का भी जिक्र किया और कहा कि भारत कई देशों के साथ इस दिशा में सहयोग कर रहा है, जिसमें अमेरिका, जापान, सिंगापुर शामिल हैं।
भारत का आत्मनिर्भरता की ओर कदम
मोदी ने बताया कि भारत का चिप मैन्युफैक्चरिंग और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे यूपीआई, रुपे कार्ड, डिजीलॉकर, और डिजीयात्रा का उपयोग देश की डिजिटल प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।