वाराणसी में विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भारतीय संस्कृति, सनातन धर्म और योग की परंपरा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि “हर काम देश के नाम होना चाहिए। धर्म और भारतीयता समाज को जोड़ने की ताकत रखते हैं।”
सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप हो हर कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा के बिना धर्म सुरक्षित नहीं हो सकता और धर्म के बिना समाज का अस्तित्व संभव नहीं। इसलिए जो भी कार्य किया जाए, वह सनातन धर्म और भारत की वैदिक-आध्यात्मिक परंपरा के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने विहंगम योग संत समाज की व्यवस्था और इस अद्वितीय आयोजन के लिए सभी को बधाई दी।
सद्गुरु सदाफल देव महाराज: योग और समाज सुधार के अग्रदूत
सीएम योगी ने सद्गुरु सदाफल देव महाराज की विरासत को याद करते हुए बताया कि 1888 में बलिया में जन्मे महाराज ने 1924 में विहंगम योग संत समाज की स्थापना की। समाज को जोड़ने और योग की परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता आंदोलन में भी भाग लिया।
सच्चा योगी और संत नहीं बैठ सकता निष्क्रिय
मुख्यमंत्री ने कहा कि सद्गुरु ने दिखाया कि सच्चा योगी समाज की समस्याओं से मुँह नहीं मोड़ सकता। उनका जीवन अध्यात्म और राष्ट्र सेवा का प्रतीक है। उन्होंने आचार्य स्वतंत्र देव जी महाराज और विज्ञान देव जी महाराज की यात्राओं को प्रेरणादायक बताया।
काशी में विकास और विरासत का संगम
सीएम योगी ने काशी के विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देते हुए कहा कि 2014 के बाद काशी की कनेक्टिविटी और संरचना में 100 गुना सुधार हुआ है। अब काशी विश्वनाथ धाम और नमो घाट जैसे स्थल भव्य रूप में उपलब्ध हैं। जलमार्ग और हेलीपेड जैसी सुविधाओं से काशी वैश्विक आकर्षण का केंद्र बन गई है।
अच्छे नेतृत्व से सुखद परिणाम
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अच्छे नेतृत्व से ही विकास और विरासत का सम्मान संभव है। योग को वैश्विक मंच पर लाने और अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण और प्रयागराज में महाकुंभ आयोजन भारतीय संस्कृति की महिमा को दर्शाते हैं।
प्रधानमंत्री की प्रशंसा
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2023 में शताब्दी महोत्सव का उद्घाटन करते हुए विहंगम योग संत समाज के कार्यों की सराहना की थी। यह समाज भारतीय योग और आध्यात्मिक परंपरा को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
समारोह में विशिष्ट व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर आचार्य स्वतंत्र देव जी महाराज, संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज और कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कार्यक्रम ने भारतीय संस्कृति और योग परंपरा के संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया।