
वाराणसी-(काशीवार्ता)-अमेरिकी केमिकल सोसाइटी (ACS) की फॉल 2025 बैठक, जो दिनांक 17–21 अगस्त 2025 को वॉशिंगटन, डी.सी. में आयोजित हुई, में विश्वभर के प्रोटीन विज्ञान के विशेषज्ञ एकत्रित हुए। इस बैठक में ह्यूमन प्रोटीओफॉर्म प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई—एक महत्वाकांक्षी वैश्विक मिशन, जिसका उद्देश्य मानव शरीर में प्रोटीन के सभी रूपों का मानचित्र तैयार करना और स्वास्थ्य एवं रोगों में उनकी भूमिका को समझना है। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, डॉ. सुमित कुमार सिंह, सहायक प्रोफेसर, स्कूल ऑफ बायोकैमिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी को आमंत्रित व्याख्यान देने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रोटीन पर पाए जाने वाले शर्करा पैटर्न (ग्लाइकैन) और कैंसर उपचार में उनकी उपयोगिता पर अपने अग्रणी शोध को प्रस्तुत किया। डॉ. सिंह ने भारत का योगदान ग्लाइकैन-विशिष्ट एंटीबॉडी-ड्रग कॉन्जुगेट्स (gsADCs) के विकास के माध्यम से प्रस्तुत किया। ये “स्मार्ट मेडिसिन्स” कैंसर कोशिकाओं को चुनिंदा ढंग से लक्ष्य करती हैं, जिससे उपचार अधिक प्रभावी होता है और दुष्प्रभाव कम होते हैं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि उनकी टीम ने आईआईटी (बीएचयू) में एक व्यापक ग्लाइकोमिक्स प्लेटफॉर्म भी स्थापित किया है, जिससे भारत की इस वैश्विक परियोजना में भूमिका और मजबूत हुई है। इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए आईआईटी (बीएचयू) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने कहा:
“प्रो. सिंह का ग्लाइकैन-लक्षित एंटीबॉडी थेरेप्यूटिक्स पर कार्य यह दर्शाता है कि संस्थान वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में योगदान दे रहा है। हमें उनके कार्य और इस प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मिली मान्यता पर गर्व है।