वाराणसी(काशीवार्ता)। बीएलडब्लू (बनारस लोकोमोटिव वर्क्स) में आयोजित दशहरा मेले में इस बार सुरक्षा व्यवस्थाओं की भारी अनदेखी के चलते मेले में आए सैकड़ों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लगभग चार दर्जन से अधिक चोरी की घटनाओं ने आयोजन समिति की लापरवाही और मनमानी को उजागर कर दिया। पर्स, कीमती मोबाइल और गहनों की चोरी ने मेले का माहौल खराब कर दिया, और लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे छोड़ दी गई।
आयोजन समिति की लापरवाही
दशहरा मेला, जो बीएलडब्लू में हर साल धूमधाम से मनाया जाता है, इस साल दुर्व्यवस्था और सुरक्षा की कमी के कारण चर्चा में रहा। आयोजन समिति की लापरवाही का यह हाल था कि मेला क्षेत्र में आई भारी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं की गई थी। भीड़ नियंत्रण के अभाव में असामाजिक तत्वों को बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम देने का मौका मिला, जिससे चार दर्जन से अधिक लोगों के मोबाइल, पर्स और गहने चोरी हो गए। मेला आयोजन समिति के बार-बार सुरक्षा के दावे खोखले साबित हुए, क्योंकि पूरे मेला परिसर में मोबाइल और पर्स चोर सक्रिय रहे।
सुरक्षा में लगे अधिकारियों की अनदेखी
मेला स्थल पर तैनात मडुवाडीह पुलिस और बीएलडब्लू चौकी इंचार्ज को भी मेले में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिससे आयोजन समिति की मनमानी का पता चलता है। आयोजन समिति की इस रवैये से मेला परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई रही।
भीड़ और सुरक्षा प्रबंधन की कमी
शनिवार का दिन मेले में आने वाले लोगों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। रावण दहन के बाद आधे घंटे के भीतर ही चोरी की घटनाएं सामने आने लगीं। मोबाइल, पर्स, और चेन चोरी की घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग मडुवाडीह थाने पहुंच गए। रविवार की सुबह से लेकर शाम तक थाने में चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने वालों की भीड़ लगी रही।
मडुवाडीह थानेदार भरत उपाध्याय ने बताया कि मेला आयोजन समिति ने सुरक्षा कर्मियों का सहयोग नहीं किया, उल्टे उन्हें ही खरी-खोटी सुनाई। आयोजन समिति की इस लापरवाही के कारण पूरे मेला परिसर में अराजकता का माहौल बन गया, जिससे चोरी जैसी घटनाएं बढ़ गईं।
आवश्यक सुधारों की मांग
मेले में हुई इन घटनाओं के बाद से लोगों में नाराजगी व्याप्त है। प्रशासन से मेले की सुरक्षा व्यवस्था में सुधार की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।