वाराणसी आएं तो इन जगहों पर जरूर जाएं,मिलेगी आनंद की अनुभूति

काशीवार्ता न्यूज़।वाराणसी, जिसे काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित है और इसे दुनिया का सबसे पुराना जीवित शहर माना जाता है। इस पवित्र नगरी का धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है। वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यदि आप वाराणसी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो यहां की कुछ प्रमुख जगहें हैं जिन्हें देखना अनिवार्य है। इस लेख में हम वाराणसी की उन प्रमुख जगहों के बारे में बताएंगे जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएंगी।

1. काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणसी का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थल काशी विश्वनाथ मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है, और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। मंदिर का वास्तुशिल्प भी अद्वितीय है, और यहाँ का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर होता है। काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसके दर्शन के बाद गंगा आरती में शामिल होना एक अविस्मरणीय अनुभव होता है।

2. गंगा आरती और दशाश्वमेध घाट

गंगा नदी वाराणसी की आत्मा है, और गंगा आरती यहां की सबसे प्रमुख धार्मिक और सांस्कृतिक घटनाओं में से एक है। हर शाम दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन होता है, जहां पुरोहित दीप जलाकर और मंत्रोच्चारण करके माँ गंगा की आरती करते हैं। यह दृश्य अत्यंत मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है, जहाँ सैकड़ों दीयों की रोशनी, मंत्रों की ध्वनि, और गंगा की लहरों का संगम होता है। पर्यटक यहाँ आकर इस आरती का हिस्सा बन सकते हैं और इसकी दिव्यता का अनुभव कर सकते हैं।

3. सारनाथ

वाराणसी से लगभग 10 किलोमीटर दूर स्थित सारनाथ बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यही वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध ने अपने प्रथम धर्मचक्र प्रवर्तन (पहला उपदेश) दिया था। यहाँ स्थित धमेक स्तूप और चौखंडी स्तूप ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, यहाँ एक पुरातात्विक संग्रहालय भी है, जहां भगवान बुद्ध की कई महत्वपूर्ण मूर्तियाँ और ऐतिहासिक अवशेष संरक्षित हैं। सारनाथ की यात्रा धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों प्रकार की अनुभूतियों का संगम प्रदान करती है।

4. अस्सी घाट

अस्सी घाट वाराणसी का एक प्रमुख घाट है, जो पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है। यह घाट गंगा और अस्सी नदी के संगम पर स्थित है और यहाँ का वातावरण शांत और आध्यात्मिक होता है। यहाँ हर सुबह योग सत्र और गंगा आरती का आयोजन होता है, जो पर्यटकों को ध्यान और आध्यात्मिकता में खो जाने का अवसर प्रदान करता है। अस्सी घाट पर बैठकर गंगा की ठंडी हवाओं का आनंद लेना और सूर्यास्त के समय का दृश्य देखने का अनुभव अनमोल होता है।

5. तुलसी मानस मंदिर

तुलसी मानस मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अत्यधिक है। यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है और इसी स्थान पर गोस्वामी तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना की थी। मंदिर के दीवारों पर रामायण के श्लोक अंकित हैं और यहाँ का वातावरण अत्यधिक शांतिपूर्ण होता है। यदि आप धार्मिक आस्था में विश्वास रखते हैं, तो इस मंदिर की यात्रा अवश्य करें और यहाँ की पवित्रता का अनुभव करें।

6. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत का एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है और इसका परिसर भी पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। BHU का मुख्य द्वार ‘विश्वनाथ मंदिर’ के नाम से जाना जाता है, जो मंदिर परिसर के रूप में है और इसके आसपास का वातावरण बहुत ही शांत और सौम्य होता है। यहां का वास्तुशिल्प अद्वितीय है और यहां की हरियाली और स्वच्छता भी मनमोहक है। BHU का दौरा करते समय आप यहाँ की कला और संस्कृति को भी नजदीक से देख सकते हैं।

7. मणिकर्णिका घाट

मणिकर्णिका घाट वाराणसी का प्रमुख श्मशान घाट है, जहाँ हिंदू धर्म के अनुसार मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस घाट पर दाह संस्कार करने से मृतक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मणिकर्णिका घाट का वातावरण गंभीर होता है, लेकिन यह जीवन और मृत्यु के बीच के संबंध को दर्शाता है। कई पर्यटक यहाँ आकर इस घाट की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को अनुभव करते हैं।

8. भारत माता मंदिर

भारत माता मंदिर वाराणसी का एक अनूठा मंदिर है, जो भारत माता को समर्पित है। इस मंदिर में किसी देवी-देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि भारत का एक भौगोलिक नक्शा है, जिसे संगमरमर से बनाया गया है। यह मंदिर भारतीय राष्ट्रीयता और देशभक्ति का प्रतीक है और यहाँ आकर लोग अपने देश के प्रति सम्मान और गर्व का अनुभव करते हैं।

9. रामनगर किला

गंगा नदी के किनारे स्थित रामनगर किला वाराणसी के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह किला 18वीं सदी में काशी नरेश द्वारा बनवाया गया था और अब इसे संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया गया है। यहाँ शाही अस्त्र-शस्त्र, प्राचीन घड़ियाँ, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। इस किले की वास्तुकला और यहाँ से गंगा नदी का दृश्य बेहद आकर्षक है। रामनगर किला वाराणसी की शाही विरासत की एक झलक प्रस्तुत करता है।

वाराणसी एक ऐसा शहर है जो जीवन, मृत्यु, संस्कृति, और अध्यात्म का संगम प्रस्तुत करता है। यह केवल धार्मिक स्थल नहीं है, बल्कि यहां की संस्कृति, इतिहास और परंपराएँ भी इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाती हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर गंगा आरती तक, हर एक अनुभव आपको इस पवित्र नगरी की गहराईयों में ले जाता है। वाराणसी की यात्रा एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक यात्रा होती है, जिसे एक बार अवश्य अनुभव करना चाहिए।

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