वाराणसी(काशीवार्ता)।बनारस जिसे वाराणसी भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का प्रतीक है। यह शहर न सिर्फ हिन्दू धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर भी विश्वभर में मशहूर है। दीपावली के समय बनारस का दृश्य अत्यंत आकर्षक होता है, और जब बात देवदीपावली की हो, तो शहर की रौनक और भी बढ़ जाती है। देवदीपावली, जिसे ‘गंगा दीपावली’ भी कहा जाता है, विशेष रूप से गंगा नदी के किनारे दीपों की छटा और रंगीन वातावरण के कारण बनारस में मनाई जाती है। इस खास मौके पर बनारस में घूमने की कई महत्वपूर्ण जगहें हैं जिन्हें आप जरूर देखें।
- काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर बनारस का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थल है। भगवान शिव के इस मंदिर को हिन्दू धर्म में बहुत मान्यता प्राप्त है। दीपावली और देवदीपावली के समय यहाँ की विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन होता है, जो भक्तों को एक अलग ही अनुभव देता है। यहाँ के गंगाघाट पर दीपों की सजावट और श्रद्धालुओं द्वारा दीप जलाने का दृश्य अत्यधिक भव्य और आध्यात्मिक होता है। - गंगा घाट और गंगा आरती
बनारस के घाटों की खूबसूरती का कोई मुकाबला नहीं। देवदीपावली के दौरान विशेष रूप से दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का आयोजन किया जाता है, जो एक अविस्मरणीय अनुभव होता है। हजारों दीपकों की आभा और मंत्रोच्चारण के साथ गंगा की लहरों में उतरती ज्योति एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करती है। यह समय आपके जीवन का सबसे पवित्र और रोमांचक अनुभव हो सकता है। - अस्सी घाट
अस्सी घाट भी बनारस का एक प्रमुख और ऐतिहासिक घाट है। यहां से गंगा के दृश्य का आनंद लिया जा सकता है, और यह स्थान बनारस के अन्य घाटों से शांतिपूर्ण और थोड़ा अलग है। देवदीपावली के दिन अस्सी घाट पर भी दीपों की रौशनी से वातावरण और भी सुंदर हो जाता है। यह घाट उन पर्यटकों के लिए आदर्श स्थान है, जो शांति और सौंदर्य के बीच समय बिताना चाहते हैं। - सारनाथ
सारनाथ, जो कि बुद्ध की पहली उपदेश भूमि है, बनारस से कुछ दूरी पर स्थित है। यह स्थल बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र है। सारनाथ में स्थित स्तूप और मंदिरों के दर्शन करने से न केवल ऐतिहासिक जानकारी मिलती है, बल्कि यह स्थान आत्मिक शांति देने वाला भी है। देवदीपावली के दौरान यहाँ का माहौल और भी विशेष होता है, क्योंकि कई स्थानों पर दीप जलाने की परंपरा भी है। - रामनगर किला
बनारस के रामनगर किले में एक ऐतिहासिक धरोहर है। इस किले की दीवारों पर अद्भुत चित्रकला और शाही अवशेष हैं। देवदीपावली के दौरान किले के आसपास के क्षेत्र को दीपों से सजाया जाता है, और यहां का माहौल राजसी लगता है। यदि आप बनारस के इतिहास को समझना चाहते हैं तो यह किला एक शानदार स्थान है। - चित्रकूट और काशी का सांस्कृतिक दृश्य
चित्रकूट में भगवान राम के जीवन से जुड़ी कई कथाएं हैं, और यहां की नक्काशीदार कला को देखना विशेष रूप से रुचिकर होता है। देवदीपावली के दौरान काशी में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है, जिसमें लोक नृत्य, संगीत और अन्य प्रदर्शन शामिल होते हैं। यह आपको बनारस की सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराता है। - काशी कालभैरव मंदिर
यह मंदिर भगवान कालभैरव को समर्पित है और बनारस का एक अत्यंत पवित्र स्थल है। देवदीपावली के अवसर पर यहाँ भी विशेष पूजा और आरती का आयोजन किया जाता है। काशी कालभैरव का स्थान भी आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, और यह आपको बनारस के धार्मिक स्वरूप से जोड़े रखता है। - देवदीपावली पर बनारस की यात्रा एक अद्भुत अनुभव हो सकती है, जहां आप न केवल धार्मिक आस्था का अनुभव करेंगे, बल्कि यहाँ की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर भी आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। काशी के घाटों पर दीपों की आभा और धार्मिक समारोहों का अद्भुत समागम आपको आत्मिक शांति का अनुभव कराएगा। अगर आप इस अद्भुत मौके पर बनारस जा रहे हैं, तो इन प्रमुख स्थानों पर जरूर जाएं और इस अद्वितीय अनुभव का हिस्सा बनें।