अगर आप भी वाराणसी आ रहे तो इन जगहों पर जरूर जायें…

वाराणसी के आसपास घूमने वाली जगहें

भारत की प्राचीनतम नगरियों में से एक, वाराणसी (काशी या बनारस) न केवल अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके आसपास भी अनेक दर्शनीय स्थल हैं। यह क्षेत्र ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों से भरा हुआ है। आइए जानते हैं वाराणसी के आसपास के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में, जहाँ आप अपनी यात्रा को और भी खास बना सकते हैं।

1. सारनाथ (10 किलोमीटर)

वाराणसी से मात्र 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सारनाथ बौद्ध धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। यही वह स्थान है जहाँ भगवान बुद्ध ने बोध प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था। सारनाथ में अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं जैसे धम्मेक स्तूप, चौखंडी स्तूप, अशोक स्तंभ और बौद्ध संग्रहालय। यहां बौद्ध धर्म के विकास और इतिहास से जुड़ी अनेक प्राचीन वस्तुएं संग्रहित हैं, जो यहां के इतिहास और धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं।

धम्मेक स्तूप बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह वही स्थान है जहाँ बुद्ध ने अपने पांच शिष्यों को उपदेश दिया था। इसके साथ ही, यहां का पुरातात्विक संग्रहालय भी एक प्रमुख आकर्षण है जिसमें प्राचीन अवशेष और मूर्तियाँ संग्रहित हैं।

2. रामनगर किला (14 किलोमीटर)

गंगा नदी के किनारे स्थित यह किला वाराणसी से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर है। इस किले का निर्माण 18वीं शताब्दी में काशी नरेश बलवंत सिंह ने करवाया था। यह किला अपनी राजपूताना वास्तुकला और अंदर स्थित संग्रहालय के लिए प्रसिद्ध है। संग्रहालय में शाही वस्त्र, अस्त्र-शस्त्र, प्राचीन गाड़ियां और विभिन्न ऐतिहासिक वस्तुएं प्रदर्शित की गई हैं। यहां से गंगा नदी का दृश्य भी मनमोहक होता है, विशेषकर सूर्यास्त के समय।

3. चुनार किला (40 किलोमीटर)

वाराणसी से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित चुनार किला उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में है। यह किला गंगा नदी के किनारे एक पहाड़ी पर स्थित है और इसका ऐतिहासिक और सामरिक महत्व बहुत बड़ा है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण सबसे पहले महाभारत काल में हुआ था, लेकिन इसे वर्तमान रूप मुगल, मराठा और ब्रिटिश शासकों के समय में मिला। यहां का दृश्य प्राकृतिक सौंदर्य और इतिहास का अद्भुत संगम प्रस्तुत करता है।

4. विद्यापीठ मंदिर (20 किलोमीटर)

यह मंदिर वाराणसी से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहाँ के स्थानीय लोगों के साथ ही दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। विद्यापीठ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह स्थान आध्यात्मिक शांति और प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है।

5. विंध्याचल (70 किलोमीटर)

वाराणसी से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित विंध्याचल देवी माँ विंध्यवासिनी के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह एक प्रमुख शक्ति पीठ है और नवरात्रि के समय यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहाँ त्रिकोणीय यात्रा (विंध्यवासिनी देवी, कालीखोह, अष्टभुजा) भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह स्थान विंध्य पर्वत की सुंदरता और धार्मिक आस्था के कारण विशेष रूप से जाना जाता है।

6. अयोध्या (220 किलोमीटर)

वाराणसी से लगभग 220 किलोमीटर दूर अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि के रूप में विख्यात है। यह हिन्दू धर्म का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यहाँ राम जन्मभूमि मंदिर, कनक भवन, हनुमानगढ़ी और सरयू नदी के तट पर स्थित कई धार्मिक स्थल दर्शनीय हैं। अयोध्या में रामायण से जुड़े अनेक स्थल हैं, जो भारत के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

7. प्रयागराज (125 किलोमीटर)

प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, वाराणसी से लगभग 125 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह संगम स्थल के लिए प्रसिद्ध है जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियों का मिलन होता है। कुंभ मेला और अर्धकुंभ मेला के समय यहाँ लाखों श्रद्धालु स्नान करने आते हैं। यहाँ का ऐतिहासिक आनंद भवन, जहाँ नेहरू परिवार का निवास था, और खुसरो बाग भी दर्शनीय हैं। इसके अलावा, यहां के मंदिर और घाट भी यात्रियों को आकर्षित करते हैं।

8. श्रृंगवेरपुर (40 किलोमीटर)

वाराणसी से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रृंगवेरपुर एक प्राचीन ऐतिहासिक स्थान है। यह वही स्थान है जहाँ रामायण काल में भगवान राम ने वनवास के समय गंगा नदी को पार किया था। यह स्थान धार्मिक और पुरातात्विक महत्व रखता है। यहां पर राजा गुह्य के प्राचीन किले के अवशेष भी देखे जा सकते हैं।

9. चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य (70 किलोमीटर)

यह अभयारण्य वाराणसी से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थल है। यहां विभिन्न प्रकार के वन्यजीव, पक्षी और वनस्पतियाँ देखने को मिलती हैं। यहां पर दो खूबसूरत जलप्रपात, देवदरी और राजदरी, भी हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अभयारण्य का प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण पर्यटकों को एक अलग अनुभव प्रदान करता है।

10. कपिलधारा जलप्रपात (80 किलोमीटर)

यह प्रसिद्ध जलप्रपात वाराणसी से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित है और पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है। कपिलधारा प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत उदाहरण है और इसे देखने के लिए मानसून के बाद का समय सबसे उपयुक्त होता है। इस जलप्रपात का नाम कपिल ऋषि के नाम पर पड़ा है, जो यहां तपस्या करते थे।

11. कौशाम्बी (150 किलोमीटर)

वाराणसी से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कौशाम्बी एक ऐतिहासिक नगर है जो बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां पर बौद्ध स्तूप और अवशेष हैं, जो बौद्ध धर्म के प्राचीन काल के महत्व को दर्शाते हैं। इसके अलावा, यहां अशोक स्तंभ और जैन मंदिर भी देखने योग्य हैं।

वाराणसी के आसपास अनेक दर्शनीय स्थल हैं जो धार्मिक, ऐतिहासिक और प्राकृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इन स्थानों की यात्रा करते समय आप न केवल भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ेंगे, बल्कि प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य का भी आनंद उठा सकेंगे।

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