वाराणसी(काशीवार्ता)।काशी (वाराणसी) की देव दीपावली एक विशेष पर्व है, जिसे भगवानों की दीपावली कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्यौहार वाराणसी के घाटों पर हजारों दीयों की रोशनी के साथ एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करता है। अगर आप इस अद्भुत उत्सव को देखने का मन बना रहे हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें पहले से जाननी चाहिए, जिससे आपकी यात्रा सुगम और यादगार बने। आइए जानते हैं देव दीपावली के इस विशेष अवसर पर काशी आने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. देव दीपावली का महत्व
देव दीपावली को भगवानों के धरती पर आगमन के रूप में मनाया जाता है। यह दीपावली कार्तिक पूर्णिमा के दिन होती है, जो दिवाली के 15 दिन बाद आती है। यह त्यौहार धार्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन गंगा नदी के घाटों पर दीप प्रज्वलित कर भगवान शिव, गंगा और अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जाती है।
2. सही समय पर करें यात्रा की योजना
देव दीपावली के समय वाराणसी में अत्यधिक भीड़ होती है, क्योंकि यहां देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। इसलिए, अगर आप भी काशी आने का विचार कर रहे हैं, तो कम से कम एक महीने पहले अपनी यात्रा की योजना बना लें। इस दौरान वाराणसी के अधिकतर होटलों और गेस्ट हाउसों में बुकिंग पहले से हो जाती है, इसलिए अग्रिम बुकिंग कर लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
3. घाटों पर दीयों का अद्भुत नजारा
काशी के सभी प्रमुख घाटों पर लाखों दीयों का प्रकाश एक अद्वितीय अनुभव होता है। खासकर दशाश्वमेध घाट, अस्सी घाट, और राजेंद्र प्रसाद घाट पर विशेष रूप से आयोजन होते हैं। यहां पर धार्मिक अनुष्ठान, आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें संगीत, नृत्य और भगवान शिव की महिमा का गुणगान किया जाता है। अगर आप घाटों पर यह दृश्य देखना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि शाम के समय घाटों पर पहुंच जाएं, क्योंकि भीड़ बहुत अधिक होती है।
4. नाव यात्रा का विशेष आनंद
देव दीपावली के दौरान घाटों की सुंदरता को देखने का सबसे अच्छा तरीका नाव से यात्रा करना है। गंगा नदी से घाटों की ओर दीयों की जगमगाहट को देखना बेहद मनमोहक अनुभव है। वाराणसी के घाटों से नावों की सेवाएं उपलब्ध होती हैं, लेकिन इस दिन भीड़ होने के कारण नाव की बुकिंग पहले से कर लेना उचित होता है। नाव से पूरे घाट का नजारा बेहद खूबसूरत दिखाई देता है और आपको घाटों के साथ-साथ गंगा आरती का भी अवलोकन करने का अवसर मिलता है।
5. सुरक्षा और सावधानी
देव दीपावली के समय वाराणसी में भारी भीड़ होती है, इसलिए सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है। घाटों पर जाने से पहले अपनी व्यक्तिगत वस्तुओं का ध्यान रखें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सतर्क रहें। पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होती है, लेकिन फिर भी आपको अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए। अगर आप बच्चों या बुजुर्गों के साथ यात्रा कर रहे हैं, तो विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है।
6. स्थानीय संस्कृति और भोजन का आनंद
वाराणसी सिर्फ धार्मिक शहर ही नहीं, बल्कि यहां की संस्कृति और भोजन भी अत्यंत प्रसिद्ध हैं। जब आप यहां आएं, तो स्थानीय खान-पान जैसे कचौड़ी, जलेबी, लस्सी, बनारसी पान और अन्य व्यंजनों का आनंद जरूर लें। इसके अलावा, यहां की साड़ियों का भी विशेष महत्व है, खासकर बनारसी साड़ी। अगर आप वाराणसी की कला और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो यहां के स्थानीय बाजारों में घूमना न भूलें।
7. गंगा आरती का विशेष अनुभव
देव दीपावली के दिन गंगा आरती का विशेष आयोजन होता है, जिसे देखने हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। यह आरती घाटों पर भव्य तरीके से आयोजित की जाती है, जिसमें धार्मिक मंत्रों और शंखनाद के बीच गंगा नदी की पूजा की जाती है। गंगा आरती का यह दृश्य मन को शांति और सुकून देने वाला होता है। अगर आप इस अद्भुत आरती का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो समय से घाट पर पहुंचें, क्योंकि भीड़ बहुत अधिक होती है।
8. मौसम और वस्त्रों का चयन
देव दीपावली के समय वाराणसी में सर्दियों की शुरुआत हो चुकी होती है। हालांकि दिन में तापमान सामान्य रहता है, लेकिन शाम के समय ठंडक महसूस होती है। इसलिए, आपको अपनी यात्रा के दौरान हल्के गर्म कपड़े साथ में रखने चाहिए, ताकि ठंड से बचा जा सके। खासकर रात के समय घाटों पर ठंड बढ़ जाती है, तो गर्म कपड़े पहनकर ही वहां जाएं।
9. पर्यावरण की सुरक्षा
देव दीपावली के दौरान लाखों दीये जलाए जाते हैं, लेकिन इसके साथ ही पर्यावरण को सुरक्षित रखना भी हमारा कर्तव्य है। इस दौरान प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट सामग्री को घाटों पर फेंकने से बचें। कई संगठन और स्वयंसेवक इस दौरान स्वच्छता बनाए रखने का प्रयास करते हैं, इसलिए आप भी इसमें सहयोग कर सकते हैं। गंगा नदी को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है।
देव दीपावली पर काशी की यात्रा न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह आपकी आत्मा को शांति और सुकून भी प्रदान करती है। अगर आप काशी की इस अलौकिक रोशनी को देखने का मन बना रहे हैं, तो पहले से तैयारी कर लें और इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखें। काशी की संस्कृति, घाटों की सुंदरता, और गंगा आरती का अनुभव आपको जीवनभर याद रहेगा।