
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित कैंट रेलवे स्टेशन की वाहन पार्किंग में बीती रात शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग में करीब 200 से अधिक मोटरसाइकिलें जलकर खाक हो गईं। घटना से रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की छह गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
शॉर्ट सर्किट बना आग का कारण
जानकारी के अनुसार, रेलवे कर्मचारियों के वाहन पार्किंग में देर रात करीब 1 बजे आग लगी। शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट को आग का कारण बताया गया है। आग लगने के तुरंत बाद पार्किंग में अफरा-तफरी मच गई। कई कर्मचारी अपने वाहनों को बचाने में जुट गए, लेकिन आग तेजी से फैलने के कारण 200 से अधिक वाहन चपेट में आ गए।
आग बुझाने में फायर सेक्शन की कमी
रेलवे कर्मचारियों का आरोप है कि पार्किंग में आग बुझाने के लिए कोई फायर सेक्शन नहीं था। यदि फायर सुरक्षा उपाय मौजूद होते, तो आग पर समय रहते काबू पाया जा सकता था। फायर ब्रिगेड की टीम के पहुंचने में हुई देरी के कारण आग ने विकराल रूप ले लिया।
जांच में जुटे अधिकारी
जीआरपी और आरपीएफ के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और आग के कारणों की जांच में जुट गए। जीआरपी क्षेत्राधिकारी कुंवर प्रताप सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट आग का कारण प्रतीत हो रहा है। हालांकि, विस्तृत जांच के बाद ही स्पष्ट जानकारी सामने आएगी। मौके पर राहत और बचाव कार्य रातभर जारी रहा।
इस हादसे ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारी मामले की गहन जांच में लगे हुए हैं।
रेलकर्मी बोले- पार्किंग से तेल चोरी के दौरान आग लगने की आशंका
बताया जा रहा है कि इस पार्किंग में रेलकर्मियों ने अपने दोपहिया वाहन खड़े किए थे। रेलकर्मियों के मुताबिक, पार्किंग से अक्सर तेल चोरी की शिकायत मिलती थी। दोपहिया वाहन से पेट्रोल निकाल लिए जाते थे। इसकी शिकायत भी की गई थी, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई। हो सकता है कि तेल चोरी के दौरान ही आग लगी हो। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इस घटना से रेलकर्मियों को बड़ा नुकसान हुआ है। इस वक्त एक मोटरसाइकिल की अनुमानित कीमत करीब 90 हजार रुपये है। इस हिसाब से 300 से ज्यादा मोटरसाइकिल की कीमत करीब 2.70 करोड़ रुपये होती है।
आग से बचाव के इंतजाम नहीं
कैंट रेलवे स्टेशन पर आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। बाल्टी में पानी भरकर आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। आग बढ़ती चली गई। फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं आए। कैंट स्टेशन के अलग-अलग हिस्सों से फायर फाइटिंग सिस्टम लाने में भी समय लगा। इससे पहले ही आग ने विकराल रूप ले लिया।

जीआरपी और आरपीएफ ने बचाए 30 से अधिक दुपहिया वाहन
आग की लपटें इतनी विकराल थीं कि आग के बीच किसी की जाने की हिम्मत नहीं हुई। किसी तरफ जीआरपी और आरपीएफ के जवान पार्किंग में घुसे और एक लेन में खड़ी 30 से अधिक वाहन को किसी तरह सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं। जीआरपी कैंट प्रभारी हेमंत कुमार सिंह और एसआई धनंजय मिश्रा और आरपीएफ के प्रभारी संदीप यादव और उनकी टीम ने अथक प्रयास से अन्य वाहन को बचा लिया। घटना के बाबत उत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों ने भी जानकारी ली है। कैंट स्टेशन निदेशक अर्पित गुप्ता भी मौके पर पहुंचे।